ब्लॉक में कुल 12 समितियां खरीदी कर रही हैं, जहां 29 अप्रेल तक 444 किसानों से कुल 37 हजार 214 क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई है, जिसमें बीना विपणन समिति पर एक भी किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचा। वहीं, बिलाखना समिति ने 9 किसानों से 906 क्विंटल, किर्रावदा ने 9 किसानों से 793 क्विंटल, धनौरा समिति ने 6 किसानों से 735, रामपुर समिति ने 6 किसानों से 291 क्विंटल गेहूं खरीदा है। सबसे ज्यादा गेहूं की खरीदी मंडीबमोरा समिति ने 10 हजार 871 क्विंटल और पुरैना समिति ने 5 हजार 296 क्विंटल खरीदी की है। अब केन्द्रों पर गिनेचुने किसान गेहूं बेचने के लिए पहुंच रहे हैं, क्योंकि मंडी में दिनोंदिन दाम बढ़ रहे हैं।
पुराना गेहूं भेजा जा चुका दूसरे राज्यों में
वेयरहाउस, सायलो केन्द्रों पर रखा पुराना गेहूं पहले ही एफसीआई द्वारा दूसरे राज्यों में भेजा जा चुका है, जिससे वेयरहाउस खाली पड़े हैं। बिहरना स्टेट वेयरहाउस की क्षमता करीब 45000 क्विंटल है, जो 25 प्रतिशत ही भरा है, जिसमें मसूर भी शामिल है। बाकी वेयरहाउस खाली पड़ा है। जबकि पिछले वर्ष सायलो पर खरीदी हुई थी और वेयरहाउस भी भरा था। इसके अलावा एफसीआई की गोदाम में भी स्टाक था।
पीडीएस में सप्लाई होता है गेहूं
समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं की सप्लाई पीडीएस में होती है और कम मात्रा में गेहूं की खरीदी होने पर वितरण में परेशानी आ सकती है। गेहूं की कमी आने पर चावल वितरित किया जाता है।