
Wrong business haunt police
सागर. मकरोनिया के नेहानगर क्षेत्र से भले ही पुलिस ने अनैतिक गतिविधियों के एक अड्डे को सोमवार को बंद करा दिया हो लेकिन शहर, उपनगर क्षेत्र की पॉश कॉलोनियों में सफेदपोशों की छत्रछाया में अब भी बड़े स्तर पर देह का कारोबार जारी है। आसपास के कस्बों, गांवों से पढऩे-लिखने आने वाली छात्राओं के अलावा भोपाल-इंदौर और पड़ोसी देश नेपाल से भी कांट्रेक्ट पर युवतियों को सागर बुलाया जा रहा है। सोमवार को पुलिस ने बिलासपुर की परित्यक्ता को अनैतिक कारोबार में लिप्त मिलने पर पकड़ा उसे भी एक युवक हर माह रुपया देता था। महिला ने एक साल में अपना नेटवर्क फैलाया था। वह ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को मंहगे कपड़े, सजने-संवरने रुपए का लालच देकर फांसती थी।
उपनगरीय क्षेत्र ही नहीं पूरे शहर भर में बाहरी छात्रों का बड़ा वर्ग सेक्स रैकेट में सबसे ज्यादा जुड़ा है। छात्र आकर्षण में फसकर पहले कस्टमर के रूप में रेकेट के संपर्क में आते हैं और कुछ समय बाद अपने दोस्त-सहपाठियों को इस जाल में फांस लेते हैं। रेकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड इन छात्रों को भी रुपए देकर लालच में फसाकर रखते हैं, क्योंकि छात्रों द्वारा रैकेट के पर्दाफास होने का खतरा सबसे कम होता है।
भोपाल-इंदौर से डिमांड
ऑनलाइन साइट्स के दौर में सेक्स रैकेट के मास्टरमाइंडों ने भोपाल, इंदौर, मुंबई और नेपाल तक अपने कनेक्शन जोड़ लिए हैं। रैकेट से जुड़े कस्टमर्स को ग्रुप पर या उनके पर्सनल वॉट्सएप पर हर दिन नई कॉलगर्ल के फोटो और उस दिन का रेट भेजा जाता है। यही नहीं केटलॉग में पसंद के आधार पर भी बुकिंग होती है और ऑर्डन पर भोपाल, इंदौर ही नहीं देश के अन्य हिस्सों से भी इन्हें बुलाया जाता है।
बदल गया ट्रेंड
शहर में सेक्स रैकेट के पकड़े जाने के बाद अन्य स्थानों पर रैकेट चलाने वाले सतर्क हो गए हैं, लेकिन न तो उनके द्वारा काम बंद किया गया न ही वे भूमिगत हुए। नए जानकारी ये है कि रैकेट ने भी अब पैकेज का टें्रड शुरू कर दिया है। नव धनाढ्य परिवारों के युवा और बाहरी छात्र उपनगरीय क्षेत्र में फ्लैट किराए पर लेकर और बाहर से
युवतियों को बुलाकर उनके साथ टूरिंग भी कर रहे हैं।
यहां भी सक्रिय
बड़तूमा, गौर नगर, दीनदयाल नगर में स्टेशन क्षेत्र, लक्ष्मीनगर, बण्डा रोड स्थित कुछ होटल और फोरलेन पर जहां-तहां बनी झोपडि़यां उपनगरीय क्षेत्र मकरोनिया-बहेरिया क्षेत्र में देह व्यापार के अड्डे हैं। अनैतिक कारोबार भी तकनीकी के साथ हाइटेक हुआ है। ऑनकॉल, वाट्सऐप, टेलीग्राम पर भी रैकेट सक्रिय है। कॉलर को पसंद और आर्थिक क्षमता के अनुरूप इन्हीं सोशल माध्यमों पर रेट लिस्ट भी उपलब्ध कराई जाती है।
Published on:
18 Jul 2018 10:01 am
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