सेना के आयुध डिपो में जबरदस्त विस्फोट, यूपी के इस जिले का लाल हुआ शहीद चंद्रशेखर ने कहा कि जब वह जेल से छूटकर बाहर आए तो हर कोई उन्हें ‘रावण’ नाम से संबोधित कर रहा था। हर तरफ चंद्रशेखर आजाद के स्थान पर ‘रावण’ के ही चर्चे थे। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि 2019 के चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी को उनके उपनाम का लाभ मिले और चुनाव ‘राम’ और ‘रावण’ के बीच हो। वह नहीं चाहते थे कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव में लोगों से राम और रावण के बीच किसी एक को चुनने के लिए कहें। चंद्रशेखर ने कहा कि मेरा आधिकारिक नाम चंद्रशेखर आजाद है।
सरेआम मंच से पीएम मोदी और सीएम योगी का सिर कलम करने की धमकी देने वाला AIMIM नेता हुआ फरार, देखें वीडियो- उन्होंने कहा कि मुझे सूचना मिली थी कि अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना की रैली के बाद वहां के पिछड़ी जाति, मुस्लिम और अनुसूचित जाति खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। इसलिए मैंने वहां जाकर जिला प्रशासन से मुलाकात की ओर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। वहीं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि अयोध्या में बौद्ध विहार बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उसका पुराना नाम साकेत है। इसलिए यही नाम रखा जाना चाहिए। वहीं राम मंदिर मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए इस विषय में जो भी किया जाए वह संविधान के अनुसार किया जाए।