अरशद मदनी ने कहा कि देश में हालातों को बदलने की कोशिश की जा रही हैं। नकारात्मक राजनीति के अवसर तलाशे जा रहे हैं। मंदिर-मस्जिद के विवादों को सुर्खियां दी जा रही हैं। ऐसे विवाद खड़े करके देश की अमन-शांति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही है। अखंड भारत का निर्माण ऐसे नहीं होगा, सभी को साथ लेकर चलने से ही राष्ट्र निर्माण संभव है।
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देवबंद में जमीयत के सम्मेलन का दूसरा दिन, ज्ञानवापी और मथुरा मुद्दे को लेकर मदनी के तीखे तेवर समान नागरिक संहिता मंजूर नहीं सम्मेलन में समान नागरिक संहिता को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान साफ तौर पर कहा गया कि समान नागरिक संहिता यानी कॉमन सिविल कोड मंजूर नहीं होगा, क्योंकि इसे लागू करना संविधान का उल्लंघन है। मंच से सीधे तौर पर कहा गया कि इस्लामिक कायदे-कानूनों में हम किसी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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श्री वार्ष्णेय कॉलेज में प्रोफेसर के नमाज पढ़ने के वीडियो से मचा घमासान ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा ईदगाह विवाद जाहिर की नाराजगी जमीयत ने प्राचीन इबादतगाहों पर बार-बार विवाद खड़ा करके देश में अमन-शांति को खराब करने वाली शक्तियों और उनको समर्थन देने वाले राजनीतिक दलों के रवैये पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की। कहा गया कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह और दीगर मस्जिदों के खिलाफ इस समय ऐसे अभियान चल रहे हैं, जिससे देश में अमन-शांति और उसकी गरिमा और अखंडता को नुकसान पहुंच रहा है। अब इन विवादों को उठाकर साम्प्रदायिक टकराव और बहुसंख्यक समुदाय के वर्चस्व की नकारात्मक राजनीति के लिए अवसर निकाले जा रहे हैं।