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देश में लॉक डाउन 4.0 शुरू हो चुका है। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जागरूक कर रही हैं। लॉक डाउन का पालन कराने के लिए जहां पुलिस बाहर घूमने का दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की पिटाई या मुर्गा बनाने जैसी बहुत सारी पिक्चर मीडिया और शोशल मीडिया पर देखने को मिल रही हैं। मगर जब कानून का पालन करने वाले ही कानून को तोड़ेंगे तो क्या हाेगा ?
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यह सवालयूं ही उठाया जा रहा। दरअसल, मामला बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र का है जहां पिछले सप्ताह प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी महाराष्ट्र सरकार से अनुमति लेकर मुंबई से अपने परिवार के अन्य तीन सदस्यों के साथ बुढाना स्थित अपने पैतृक आवास पर पहुंचे थे। इसके बाद मुजफ्फरनगर प्रशासन द्वारा भेजी गई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उसके परिजनों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
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नवाजुद्दीन सिद्दीकी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। मगर उसके बावजूद भी सुरक्षा की दृष्टि से उन्हे परिजनों समेत बुढ़ाना स्थित उसके घर पर क्वारंटीन किया गया था। मंगलवार काे उस समय चौंकाने वाली खबर सामने आई जब बुढाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक नवाजुद्दीन सिद्दीकी से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए। यही नहीं नेता जी की जी हुजूरी करने के लिए उप जिलाधिकारी बुढाना कुमार भूपेंद्र व बुढ़ाना कस्बा पुलिस चौकी इंचार्ज जय वीर सिंह भी पहुंच गए। मामले की जानकारी मीडिया कर्मियों को लगी तो मीडिया कर्मियों ने छुपते-छुपाते इनकी तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली और उसके बाद जब विधायक अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के घर से बाहर आए तो उनसे सवाल पूछ लिया। यह भी पढ़ें