- पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने प्रतापगढ़ में प्रबुद्धजनों से की चर्चा आज प्रयागराज में होगा संवाद सेतु कार्यक्रम
प्रतापगढ़.आज की शिक्षा व्यवस्था हमें अपनी माटी से दूर करती जा रही है। आज हर युवा का पढ़ाई के बाद सपना बस कॅरियर बनाना है। आज की शिक्षा सिर्फ अर्थ प्रधान होकर रह गयी है। इससे अब शिक्षा का अर्थ अपने मूल स्वरूप से हट गया है। शिक्षा की उपयोगिता जब खत्म हो जाएगी तब महज पेट भरने के लिए शिक्षा लेना कहां तक उचित है। राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी ने सोमवार को प्रतापगढ़ में संवाद सेतु कार्यक्रम में शिक्षा की उपयोगिता पर यह बातें कही। कोठारी ने प्रबुद्धजनों से संवाद के दौरान कहा कि जिस उत्कंठा और ऊर्जा के साथ आजादी मिली थी वह अब धीरे धीरे ठंडा पड़ता जा रहा है। किसी को माटी का कर्ज चुकाने की बात अब याद नहीं है। हम नई पीढ़ी को यह नहीं सिखा पा रहे हैं कि हमारा दायित्व क्या है। हमें यह सिखाना होगा। सभी को अपने बच्चों को प्रतिदिन मात्र आधा घंटा देना होगा। बच्चों को अपने घर के परिवेश के बारे में ही जानकारी नहीं है। उन्हें अपनी जड़ों से जोडऩे के लिए हमें संवाद की शुरुआत करनी होगी। समाज का निर्माण करने का मतलब यही है कि हम अब अपने बच्चों का निर्माण करें।
कोठारी ने कहा कि आज का समय लेने पर आधारित होता जा रहा है। देने का भाव सिमटता जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण मोबाइल भी है। मोबाइल हमें एकाकी जीवन की ओर ले जा रहा है। अगर परिवार के सदस्यों के बीच ही अकेले जी रहे हैं तो हम समाज के लिए जी ही नहीं रहे। इस दौर में मीडिया सेतु और सामाजिक शिक्षण का माध्यम होकर बड़ा योगदान दे सकता है। पत्रिका के अमृतम जलम, एक मुठ्ठी अनाज और हरयालो राजस्थान अभियानों के संदर्भ से कोठारी ने यह बताया कि इस तरह के कार्य मिट्टी के साथ जुड़ाव पैदा करते हैं। ऐसे सामाजिक सरोकार हमें बच्चों को सिखाने होंगे।
कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्धजनों ने प्रतापगढ़ के मुद्दों पर चर्चा की। पत्रिका समूह के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने समूह की विकास यात्रा की जानकारी दी। मंगलवार को प्रयागराज में संवाद सेतु का आयोजन होगा।