
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
रायबरेली. आज शिक्षा में न कहीं मन की चर्चा है न आत्मा की। हमें यह देखने की जरूरत है कि शिक्षा हमारे बच्चों को कहां पूर्णता दे रही है, कहां अपूर्णता दे रही है। आज शिक्षा ने बच्चों को देश से दूर कर दिया है। राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी ने रविवार को रायबरेली में संवाद सेतु कार्यक्रम में यह बातें कहीं। कोठारी ने प्रबुद्धजनों से संवाद के दौरान कहा कि क्या हमारे बच्चों को अपने रायबरेली का इतिहास, भूगोल, उत्तर प्रदेश का भूगोल, इतिहास, पशुधन, संस्कृति, वार-त्योहार के बारे में जानकारी है। जब हम इसका पता करेंगे तो लगेगा कि धरातल छूट रहा है। आज की विडम्बना यह है कि मां-बाप ने बच्चों की अंगुली छोड़ दी है। उनकी प्राथमिकता बच्चे नहीं है। अगर मैं अपने बच्चे का निर्माण कर लूं तो निश्चित है कि समाज का निर्माण होगा। जब तक हम सबकी सामूहिक भूमिका नहीं होगी तब तक सुधार नहीं है। हम देश और समाज का निर्माण मिलकर ही कर सकते हैं। यह शुरुआत घर से ही हो सकती है। सामूहिक चेतना का असर कहां हो सकता है उसे जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने पत्रिका के अमृतम जलम, एक मुठ्ठी अनाज अभियानों की जानकारी देकर बताया कि कैसे सामूहिक चेतना को जागरूक किया जाता है। कैसे समाज को मिट्टी से जोड़ा जा सकता है।
चौथा पाया नहीं, सेतु है मीडिया
कोठारी ने कहा कि यह धारणा सही नहीं है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा पाया है। मीडिया चौथा पाया नहीं बल्कि एक सेतु है। यह जनता और सरकार को जोड़कर रखता है। जो चौथा पाया बनता है वह सरकार के साथ बैठ गया। इसका नुकसान यह हुआ कि आज जो समस्याएं हैं उसे सुनने वाले नहीं है।
डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने दी पत्रिका समूह की विकास यात्रा की जानकारी
कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्धजनों ने रायबरेली के मुद्दों पर चर्चा की। पत्रिका समूह के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने समूह की विकास यात्रा की जानकारी दी। सोमवार को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में संवाद सेतु का आयोजन होगा।
Published on:
13 Dec 2021 09:26 am
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