
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिजली चोरी की समस्या आम बात है। अक्सर देखने को मिलता है कि अनियमित कॉलोनियों में अवैध बिजली चोरी होती है जिससे पावर ट्रिप की समस्या होती है। कटियाबाज आमतौर पर बिजली के तारों पर कटिया फंसा कर घरों में बिजली का इस्तेमाल करते हैं। लखनऊ में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की तरफ से बिजली सप्लाई की जाती है। यूपीपीसीएल हमेशा अखबारों में विज्ञापन या ऑनलाइन कैंपेन चलाकर लोगों से अपील करती है कि बिजली चोरी रोकनी चाहिए ताकि इससे बचत हो।
पत्रिका का संवाद सेतु कार्यक्रम जनता की बात सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का एक माध्यम है। इस कार्यक्रम में कम से कम पांच प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा होती है। लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में यह सवाल जानने की कोशिश की जाती है कि इन समस्याओं के लिए जिम्मेदार कौन है और उसका निदान क्या है?
उपभोक्ताओं को उठानी पड़ती है परेशानी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अनियमित कॉलोनियों में कटियामारी के चलते ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ जाता है, जिससे आपूर्ति में दिक्कत होती है। लाइन बार-बार ट्रिप करती है। साथ ही अन्य भी कई तकनीकी खराबी उत्पन्न हो जाती है और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है।
समय-समय पर चलाता रहता है अभियान
बीते दिनों बिजली विभाग की टीम ने लखनऊ के पॉस इलाके गोमती नगर के विकल्प खंड में अभियान चलाकर 60 घरों में बिजली चेकिंग की। इनमें सात लोगों को अवैध रूप से कटिया लगाकर बिजली चोरी करते पकड़ा। इतना ही नहीं, इंदिरानगर के सेक्टर-19 और अबरार नगर में 77 घरों में चेकिंग कर 4 लोगों को कटिया लगाकर बिजली चोरी पकड़ा। बीकेटी डिवीजन के तहत 84 घरों में बिजली चेकिंग की, इनमें 29 लोगों को बिजली चोरी में पकड़ा। सभी आरोपियों के खिलाफ विभाग ने एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।
बिजली चोरी रोकने के लिए बनाया थाना
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली चोरी को रोकने के लिए प्रवर्तन दलों की संख्या 33 से बढ़ाकर 80 से ज्यादा कर दिया गया है। बिजली चोरी के मामले के लिए बिजली थाने बनाए जा रहे हैं। इसका नाम एंटी पावर थेफ्ट पुलिस थाना रखा गया है।
Published on:
09 Dec 2021 03:26 pm
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