सूत्रों की मानें तो कैदी ने जब स्वयं पर हमला किया तो उसका खून तेजी से निकलाना शुरू हो गया। कुछ देर बाद ही बेहोश होकर गिर पड़ा। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। दो दिन बाद भी जेल प्रबंधन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल नहीं लाया। मामले को दबाने का प्रयास जारी है।
मामले को लेकर जब जेल अधीक्षक जीपी ताम्रकार से चर्चा की गई तो उन्होंने घटना से ही नकार दिया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी कोई घटना उनके संज्ञान में नहीं है। जबकि, उनके अधीनस्थ अधिकारी घटना को स्वीकार करते नजर आए। लेकिन, वे भी मानने को तैयार नहीं हुए कि ब्लेड से कैदी ने स्वयं पर हमला किया है।
जेल के अंदर प्रतिबंधित सामग्री पहुंचने का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक हवालाती की निशानदेही पर कैदी के पास से करीब २०० ग्राम गांजा पकड़ा गया। इसमें जेलकर्मी का नाम भी सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि कैदी को विगत कई दिनों से गुनाखाना में बंद कर टॉर्चर किया जा रहा है। जेल के अंदर ३००० रुपए कैदी के पास बरामद हुए हैं। मामले को भी प्रबंधन ने दबा दिया है।
ऐसी कोई घटना मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी कैदी को चोट लगी है, इस विषय में भी नहीं बोल सकता।
जीपी ताम्रकार, जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल, सतना रेपर से हमला किया
कैदी ने ब्लेड नहीं मारा है। उसने स्वयं को टूथपेस्ट के रेपर से घायल किया है। जेल में इलाज कराया गया है।
बीवी शुक्ला, उप जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल, सतना