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सतना

आचरण में उतारें मानस के संदेश, तभी मिलेगी शांति, ये है राष्ट्रीय रामायण मेला के दूसरे दिन का व्याख्यान

राष्ट्रीय रामायण मेला के दूसरे दिन आतंक, स्वदेशी और गौ सेवा पर विद्वतजनों ने चर्चा किया।

सतनाFeb 15, 2018 / 04:53 pm

suresh mishra

ramcharitmanas chaupai news in hindi Chitrakoot National Ramayan Mela

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सतना/चित्रकूट। राष्ट्रीय रामायण मेला के दूसरे दिन आतंक, स्वदेशी और गौ सेवा पर विद्वतजनों ने चर्चा किया। वहीं रामायण के महात्म कर व्याख्यान हुए। बुधवार सुबह मथुरा की ख्याति ब्रज रामलीला में नारद मोह चरित का मंचन किया गया जिसे दर्शकों ने सराहा।
इलाहाबाद के डॉ. सीताराम ङ्क्षसह विश्वबन्धु ने रामचरित मानस की प्रसंगिकता की चर्चा करते हुए कहा, आज जो विश्व में आतंकवाद और धर्म के नाम पर संवेदनहीनता फैली है। वह मानस के संदेशों को अपने आचरण में उतारने से अपने आप शांत हो जाएगी।
राम का चरित्र राम बनने की प्रेरणा देता है

डॉ. हरि प्रसाद दुबे अयोध्या ने कहा कि राम का चरित्र राम बनने की प्रेरणा देता है। रामप्रताप शुक्ला मानस किकंर ने कहा कि रामचरित मानस कलियुग वासियों के दैनिक जीवन के व्यावहारिक परिवर्तन देने वाला ग्रंथ है। यहां सनत कुमार मिश्र, डॉ. सरोज गुप्ता जयपुर ने अपने विचार रखे।
दोहा चौपाई सरल हिन्दी भाषा में रूपान्तरित

गीता भागवत व्यास साहित्यकार सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि पहली बार श्रीमद् भागवत कथा को गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित्र मानस की दोहा चौपाई शैली में सरल हिन्दी भाषा में रूपान्तरित किया गया है।
प्रो. आरएस त्रिपाठी तिरुपति ने कहा की राम और रामचरित का अन्वेषण करते रहे और करते जा रहे है।
गोस्वामी तुलसी दास की मानस का प्रभाव

अब ज्ञान और विज्ञान दोनों उस परम सत्य और तथ्य का सत्यापन करने में जुटे हुये है। डॉ. चन्द्रिका प्रसाद दीक्षित ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास की मानस का प्रभाव केवल राम काव्य परम्परा में ही नहीं है, बल्कि गीता भागवत परम्परा में भी प्रारम्भ हो गया है।
लंका के पास रामेश्वरम धाम स्थापित

कलकत्ता सिलीगुणी के महाकवि मोहन दुकुन ने कहा कि रामायण से ज्ञात होता है कि लंका के पास जगत प्रसिद्ध रामेश्वरम धाम स्थापित किया गया था। इसके अलावा डॉ. श्रीराम परिहार, डॉ. सभाजीत मिश्र आदि ने भी अपने विचार रखे।
शिव पार्वती नृत्य नाटिका ने मोहा
राष्ट्रीय रामायण मेला में महाशिवरात्रि पर सांस्कृतिक दलों ने भगवान शिव और पार्वती प्रसंग पर विभिन्न प्रस्तुतियां दी। जो दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

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