scriptbank loan satna: 6 माह में सतना वासियों ने बैंकों से लिया 468 करोड़ का लोन | Satna residents took loan of Rs 468 crore from banks in 6 months | Patrika News
सतना

bank loan satna: 6 माह में सतना वासियों ने बैंकों से लिया 468 करोड़ का लोन

सतना जिले के बैंक प्रत्येक 100 रुपए जमा पर दे रहे 50 रुपये का उधार
निजी बैंक लोन देने के मामले में काफी पीछे

सतनाDec 28, 2023 / 10:52 am

Ramashankar Sharma

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सतना। इस वित्तीय वर्ष (2023-24) में सतना जिले के लोगों को बैंकों के द्वारा एक साल में 702 करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य है। वार्षिक ऋण योजना के तहत जिले के सभी बैंकों द्वारा 6 माह में सतना जिले के निवासियों को 468 करोड़ रुपए का ऋण बांटा जा चुका है। यह ऋण मकान बनाने, वाहन खरीदने, व्यवसाय करने सहित अन्य अलग-अलग कामों के लिए दिया गया है। यह जानकारी प्रभारी कलेक्टर डॉ परीक्षित झाड़े की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में एलडीएम गौतम शर्मा ने दी। बैठक में प्रभारी कलेक्टर एवं जिपं सीईओ डॉ परीक्षित झाड़े ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कमजोर प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। सभी योजना में एसबीआई की स्थिति लक्ष्य के विरुद्ध काफी कम रही। इस पर प्रभारी कलेक्टर ने बैंक प्रबंधन से कहा कि आप जिले के सबसे बड़े बैंक हो, अगर आपकी बढ़त अच्छी नहीं रहेगी तो जिले की प्रगति पर प्रभाव पड़ेगा। वार्षिक ऋण योजना में अब तक 468 करोड़ का ऋण वितरण जिले वासियों को बैंकों द्वारा किया जाना पाया गया। इस दौरान आरबीआई से सचिन सुले, इंडियन बैंक से सहायक महाप्रबंधक डॉ योगेंद्र सिंह सहित सभी बैंकों के समन्वयक मौजूद रहे।
पैसे जमा करने में आगे, लोन बांटने में रुचि नहीं

बैंकिंग का नियम है कि बैंक जिस हिसाब से रुपये अपने यहां जमां करते हैं उसी हिसाब से उन्हें लोन भी देना चाहिए। इसे सीडी रेसियो कहा जाता है। सतना जिले का औसत सीडी रेसियो 50.18 फीसदी है। यह इंगित करता है कि जिले के बैंक प्रत्येक 100 रुपए जमा पर 50 रुपए उधार दे रहे हैं। हालांकि तय मापदण्डों के तहत यह 60 फीसदी होना चाहिए। समीक्षा में पाया गया कि निजी बैंकों की रुचि लोन देने में ज्यादा नहीं है। एचडीएफसी और आईसीआईसीआई का सीडी रेसियो जिले के औसत से कम रहा। सबसे बुरी स्थिति तो बैंक ऑफ महाराष्ट्र की रही। इस बैंक का कृषि क्षेत्र में सीडी रेसियो 10.56 है तो एमएसएमई में 14.41 मिला। इसी तरह से यूनियन बैंक का सीडी रेसियो भी कम मिला। इस पर बैंकों से कहा गया कि अगली बैठक तक या तो आप लोग अपना लोन बढ़ाईए या फिर जमा राशि कम कीजिए। एसबीआई द्वारा जिला समन्वयक के स्थान पर प्रतिनिधि भेजने पर नाराजगी जाहिर की। चेताया कि समय पर आएं और बैठक में अपेक्षित अधिकारी ही पहुंचे।
ओवर ऑल ऋण वितरण में जिले की स्थित अच्छी

वार्षिक ऋण योजना की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिले के सभी बैंकों को मिलाकर एक साल में 702 करोड़ रुपए का ऋण वितरित करना है। यह दूसरी त्रैमासिक समीक्षा बैठक है लिहाजा इस समय तक 50 फीसदी लोन वितरण हो जाना चाहिए। जिसमें पाया गया कि अब तक लगभग 67 फीसदी अर्थात 468 करोड़ रुपए का ऋण जिले वासियों को वितरित किया जा चुका है। प्रभारी कलेक्टर ने इसे उपलब्धि बताया।
शासकीय योजनाओं में प्रगति लाएं

शासकीय योजनाओं के ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। पीएम स्वनिधि योजना में बैंकों के 120 प्रकरण लंबित मिले। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की स्थिति काफी कमजोर रही। अभी तक महज 317 लोगों को ही ऋण वितरित किया गया है जबकि सालाना लक्ष्य 2000 का है और अभी की स्थिति में 1000 लोगों को लोन दे दिया जाना चाहिए था। हालांकि इस मामले में विभागीय अधिकारियों पर भी नाराजगी जाहिर की क्योंकि विभाग ने अभी तक बैंकों को 671 आवेदन ही भेजे हैं।
31 जनवरी तक पूरा करें टारगेट

प्रभारी कलेक्टर ने बैंकों से कहा कि शासकीय योजनाओं के लक्ष्य पूर्ति के लिए मार्च का इंतजार न करें। 31 जनवरी तक ही लक्ष्य पूर्ति कर लें। आरबीआई प्रतिनिधि ने कहा कि बैंक सुनिश्चित करें कि योजनाओं के स्वीकृत प्रकरण हितग्राही को वितरण के लिए लंबित नहीं रहने चाहिए।

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