वन स्थाई समिति में यह जानकारी चाही गई थी कि वर्ष 2021-22 से अभी तक खनि लीजें जारी की गई है और इन पट्टाधारियों के नाम चाहे गए थे। इसके साथ ही स्टोन क्रेशर संचालकों की भी जानकारी चाही गई थी। लेकिन खनिज विभाग ने जब अपनी जानकारी प्रस्तुत की तो यह अंग्रेजी में थी। इसे देख वन समिति के सभापति ने कहा कि हमारी सरकार डाक्टरी की पढ़ाई हिन्दी में शुरू करने जा रही है। और यहां आप अंग्रेजी शुरू करने में तुले हैं। अब हमारे जिला पंचायत सदस्य क्या बुढ़ापे में अंग्रेजी सीखेंगे। इन्हें तो यह समझ आएगा नहीं। इस पर खनिज अधिकारी ने अपनी त्रुटि स्वीकार की। इस पर सभापति ने कहा कि यह जानकारी तीन दिन में हिन्दी में तैयार करके भेजें।
नही मिली कर्मचारियों की सूची वन विभाग से मुकुन्दपुर जू सेंटर में कर्मचारियों की भर्ती की जानकारी चाही गई थी। जिस पर बताया गया कि यहां कलेक्टर दर पर कुशल, अर्द्धकुशल और अकुशल कर्मचारी रखे जाते हैं। जिस पर सभापति ने पूछा कि बीच-बीच में निकाल क्यों दिए जाते हैं। जिस पर बताया गया कि काम न करने वाले लोगों को हटाया जाता है। इस पर कर्मचारियों की सूची चाही गई तो वह वन विभाग प्रस्तुत नहीं कर सका। जिसे अगली बैठक में प्रस्तुत करने कहा गया।
116 ग्राम वन समितियां अक्रियाशील सभापति हरीशकांत ने बताया कि वन विभाग की जानकारी के अनुसार वन मंडल सतना में अक्रियाशील ग्राम वन समितियों की संख्या 116 है। इनकी जानकारी चाही गई है। वनोपज समितियों की संख्या 33 बताई गई है। 70 हजार बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण बताया गया है। बैठक में मुकुन्दपुर जू की आय 1.50 करोड़ रुपये होना बताया गया।