एफसीआई गोदाम में माली समय पर खाली होने का कारण यह भी है कि इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते बाहरी मजदूर नहीं आ रहे है। चकचैनपुरा स्थित एफसीआई गोदाम में गेहूं के कट््टे उतारने के लिए तीन सौ मजदूरों की आवश्यकता है, जबकि इसके विपरीत वर्तमान में केवल 112 मजदूर भी लगे है। ऐसे में मजदूरों का टोटा भी प्रमुख समस्या बना है।
रणथम्भौर रोड एफसीआई गोदाम हुआ फुल
एफसीआई से मिली जानकारी के अनुसार रणथम्भौर रोड एफसीआई गोदाम की भराव क्षमता साढ़े 11 हजार मिट्रिक टन है, भराव क्षमता कम होने से यहां गत दिनों गोदाम फुल हो गया है। ऐसे में अब गेहूं के ट्रक चकचैनपुरा स्थित एफसीआई गोदाम में खाली होने पहुंच रहे है।
4 जिलों से आ रहा माल
जानकारी के अनुसार इन दिनों एफसीआई गोदाम में सवाईमाधोपुर जिले के अलावा, बूंदी, बांरा व कोटा से गेहूं के ट्रक भरकर सवाईमाधोपुर एफीसीआई गोदाम में खाली होने आ रहे है। एक ट्रक में औसतन 500 कट््टे भरे है। लेकिन समय पर माल खाली नहीं होने से ट्रक चालकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इधर, ट्रक खाली नहीं होने से कोरोना काल में चालकों को भी खाने-पीने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
ढाई सौ से अधिक ट्रकों की कतारें
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम के बाहर पिछले करीब एक सप्ताह से ढाई सौ से अधिक गेहूं के ट्रक खड़े हैं। ट्रकों के बाहर खड़े रहने से ट्रक चालक परेशान है। एफसीआई गोदाम में चार शहरों से गेहूं आ रहा है। इनको एफसीआई गोदाम में रखवाना होता है। पिछले कई दिनों से गेहूं के ट्रक गोदाम के बाहर खड़े हैं, लेकिन एफसीआई सुध नहीं ले रहा है। ट्रक अनलोड नहीं होने से माल के बारिश सहित प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने का भी अंदेशा भी बना है। ट्रक गोदाम में नहीं लेने और माल खाली नहीं कराने से ट्रक चालकों की मजदूरी प्रभावित हो रही है।
-चकचैनपुरा एफसीआई गोदाम में माल रखने की क्षमता-80 हजार मिट्रिक टन
-वर्तमान में चकचैनपुरा एफसीआई गोदाम में खाली हुआ माल-
-रणथम्भौर रोड एफसीआई गोदाम की भराव क्षमता-साढ़े 11 हजार मिट्रिक टन
-माल खाली कराने के लिए कुल मजदूरों की आवश्यकता-300
-वर्तमान में गेहूं के कट््टे उतारने में लगे मजदूर-112
-कोटा, बांरा, बूंदी व सवाईमाधोपुर जिले से आ रहा माल।
– एक ट्रक में औसतन भरे कट््टे-500
कोरोना में लेबर नहीं होने से ट्रकों से माल कम उतर रहा है। इससे परेशानी आ रही है। ठेकेदार को लेबर बढ़ाने के बारे में निर्देश दिए है। जल्द ही व्यवस्थाएं सुचारू होगी।
निपुण त्रिखा, डीएम एफसीआई, कोटा