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करमोदा में किसानों को अनाज रखने की मिली सुविधा

करमोदा में किसानों को अनाज रखने की मिली सुविधा

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करमोदा में खाद्य भंडारण के लिए बनवाया गया गोदाम।

सूरवाल. क्षेत्र के किसानों को अनाज रखने की सुविधा के लिए करमोदा पंचायत ने 12 लाख की लागत से खाद्य भंडारण के लिए गोदाम बनवाया है। जिन किसानों के घरों में अनाज रखने की सुविधा नहीं है या बरसात के दिनों में समस्याएं आती है, तो वे किसान इस गोदाम में अपने अनाज को सुरक्षित रख सकते हैं। जिले में करमोदा पंचायत में पहली बार ऐसी व्यवस्था हो पाई है। सरपंच नियामत अली ने बताया कि गोदाम में दो कमरे, एक बड़ा हॉल तथा बरामदे हैं। गोदाम 51 फीट लंबा और 32 फीट चौड़ा है। इसमें क्षेत्र के किसान अपने अनाज को आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही किसान समय पर अपने अनाज को यहां से बिक्री के लिए अन्यत्र ले जा सकते हैं अथवा चाहे तो यहीं से बेच सकते हैं।


चने की फसल का मामला...
प्रशासन के रवैये से कि सानों में असमंजस
खण्डार. कस्बे में तहसील मुख्यालय पर चने की फसल के पंजीयन को लेकर प्रशासनिक रवैये को लेकर किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ई मित्र पोर्टल पर चना पंजीयन को लेकर पटवारी के द्वारा प्रदत्त गिरदावरी में अंकित नाम से ही पंजीयन करने व गिरदावरी को स्कैन करके अपलोड करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होने की स्थिति में पटवारी गिरदावरी नहीं कर रहें हैं। ऐसे में किसानों के सामने दोहरा संकट बना हुआ है ।
किसान पवन सिंह ने बताया कि बिना गिरदावरी के पंजीयन को सरकार निरस्त करें। जिससे दलालो को बोलबाला कम हो तथा किसानों को राज्य सरकार के द्वारा दिया गया समर्थन मूल्य मिलें।
ई मित्र संचालक भुवनेश शर्मा ने बताया कि नियमानुसार गिरदावरी पंजीयन करना ही अनिवार्य है। जमाबंदी से किए गए पंजीयन निरस्त होते है तो ऐसे में ई मित्र संचालक इसकी जिम्मेदारी स्वयं लें। जिससे किसानों का अहित नहीं हो ।
जमाबंदी से कर रहे पंजीयन
कस्बे कु छ ई मित्र संचालक के द्वारा मनमाने तरीके से जमाबंदी को अपलोड करके चना सरसों के पंजीयन की जा रहे हैं। इससे किसान असमंजस में पड़े हुए है। प्रशासन की ओर से ई मित्र केन्द्रों पर कार्रवाई भी नहीं की जा रही है।
निरस्त हो सक ते है पंजीयन
सूत्रों के अनुसार जमाबंदी से करवाए गए पंजीयन प्रशासन के अधिकारी बिना गिरदावरी के रजिस्टे्रशन निरस्त कर सकते है। यदि ऐसे में किसान बिना गिरदावरी के पंजीयन करवाते है तो उनके पंजीयन निरस्त हो सकतें है तथा किसान पंजीयन नहीं करवाते है तो पंजीयन में पिछडऩे का खतरा बना हुआ है। ऐसे में किसान असमंजस में है।
राज्य सरकार की ओर से खरीद केन्द्र खुलने व पंजीयन को लेकर अभी तक कोई भी कार्यालय आदेश नहीं मिला है। बिना गिरदावरी के पंजीयन करना गलत है। उच्चाधिकारियों से भी गिरदावरी वितरण को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है। ऐसे में किसानों के साथ छलावा करना गलत है ।
सुनील आर्य, उपखण्ड अधिकारी खण्डार