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जी का जंजाल बनी ऑनलाइन सुविधा,वन विभाग नहीं गंभीर,गाइडों का नहीं हो पा रहा भुगतान

जी का जंजाल बनी ऑनलाइन सुविधा,वन विभाग नहीं गंभीर,गाइडों का नहीं हो पा रहा भुगतान

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 शिल्पग्राम में खड़े पर्यटन वाहन।

सवाईमाधोपुर के शिल्पग्राम में खड़े पर्यटन वाहन।

सवाईमाधोपुर. वन विभाग की ओर इस पर्यटन सत्र की शुरुआत में शुरू की गई ऑनलाइन पेमेंट सुविधा गाइडों के लिए जी का जंजाल बन गई है। विभाग ने इस सत्र से ही व्यवस्था में बदलाव करके रणथम्भौर पार्क भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों से भ्रमण शुल्क के साथ गाइड शुल्क भी जमा करना शुरू कर दिया था। इस व्यवस्था के बाद विभाग की ओर से गाइडों के खाते में राशि का भुगतान कर दिया जाता है, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते गाइडों को कई माह से भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में गाइडों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।


पूर्व मेंं यह थी व्यवस्था : रणथम्भौर के पिछले पर्यटन सत्र तक विभाग की ओर से टिकट विण्डो पर केवल एंट्री शुल्क ही वसूल किया जाता था, जबकि गाइड शुल्क, वाहन शुल्क बाद में पर्यटकों को गाइडों व वाहन चालकों को ही देना होता था।तीन माह से नहीं हुआ भुगतान : गाइडों को विभाग की ओर से पिछले तीन माह से भुगताान नहीं किया जा रहा है। इससे पूर्व गत वर्ष अक्टूबर माह में वेतन में देरी हुई थी। ऐसे में गाइडों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़
रहा है।


रणथम्भौर में 180 गाइड
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में कुल 180 गाइड कार्यरत हैं। इसमें से एक से पांच तक के मुख्य जोनों में जाने वाले 123 नेचर गाइड व बाहरी जोनों में जाने वाले 57 ईडीसी गाइड भी हैं।


इनका कहना है...
गाइडों को तीन माह से भुगतान नहीं किया गया है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में गाइडों को परेशानी हो रही है।
मुकेश, उपाध्यक्ष,नेचर गाइड एसोसिएशन, सवाईमाधोपुर।

गाइडों का पेमेंट किया जा रहा है। गत वर्ष तक का भुगतान कर दिया गया है। जल्द ही बाकी का भुगतान भी करा दिया जाएगा।
अजीत सक्सेना, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर, सवाईमाधोपुर।