शहर के ग्रीन जोन में काटी जा रही कॉलोनियों की हकीकत जानने को राजस्थान पत्रिका की टीम ने क्षेत्र में खुद जाकर हालात देखे तो पोल खुल गई। इस दौरान एक कॉलेजनाइजर्स यहां किसी को भूखंड़ दिखा रहा था। पत्रिका टीम ने बात की तो उसने यहां नौ हजार रुपए गज के अनुसार जमीन के भाव बताए। जब उससे पूछा कि उससे कहां और कैसे बात होगी तो कॉलेजनाइजर्स ने ग्रीन जोन में काटी गई कॉलोनी में लगे पत्थर की ओर इशारा किया, जिस पर नाम और नंबर लिखा था। उससे जब भूखंड़ के पट्टा हो जाने के बारे में पूछा तो बोला कि वे सिर्फ यहां भूखंड़ की रजिस्ट्री करवा सकते हैं, पट्टा किसी के पास नहीं है। किसी कार्रवाई की संभावना पर उन्होंने कहा कि यहां बड़े-बड़े लोग मकान बनाकर बस चुके हैं। उनकी भी रजिस्ट्री है तो तुम्हे कौंन कुछ कहेगा।
की जाएगी कार्रवाईमास्टर प्लान के भू-उपयोग परिवर्तन के खिलाफ जो भी अवैध निर्माण हो रहे हैं। वह गलत है। यूआइटी इनका चिह्नीकरण करवाकर जल्द यहां कार्रवाई करेगी।
विजेंद्र मीणा, सचिव, नगर विकास न्यास