scriptग्रीन जोन में बोर्ड लगाकर बेचे जा रहे भूखंड़, पट्टे की गारंटी नहींखातेदारी की जमीन बताकर कृषि भूमि की करवा रहे रजिस्ट्री | Patrika News
सवाई माधोपुर

ग्रीन जोन में बोर्ड लगाकर बेचे जा रहे भूखंड़, पट्टे की गारंटी नहींखातेदारी की जमीन बताकर कृषि भूमि की करवा रहे रजिस्ट्री

अभियान- कागजों में रह गया मास्टर प्लान सवाईमाधोपुर. एक तरफ हाईकोर्ट मास्टर प्लान की पालन को लेकर सख्त है। दूसरी तरफ शहर में मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिला मुख्यालय पर पर्यावरण और स्वच्छ हवा के लिए सुरक्षित एकमात्र ग्रीन बेल्ट यानि हरित जोन में भी अब कृषि भूमि पर बिना 90बी […]

सवाई माधोपुरMay 22, 2024 / 10:21 am

Subhash Mishra

सवाईमाधोपुर.रणथम्भौर सीमा से सटे क्षेत्र में नजर आ रहे खाली भूखण्ड।

अभियान- कागजों में रह गया मास्टर प्लान

सवाईमाधोपुर. एक तरफ हाईकोर्ट मास्टर प्लान की पालन को लेकर सख्त है। दूसरी तरफ शहर में मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिला मुख्यालय पर पर्यावरण और स्वच्छ हवा के लिए सुरक्षित एकमात्र ग्रीन बेल्ट यानि हरित जोन में भी अब कृषि भूमि पर बिना 90बी और निर्माण स्वीकृति के कॉलोनी काटी जा रही है। लेकिन शहर में यहां-तहां छोटे-छोटे अतिक्रमण पर कार्रवाई कर वाहवाही लूट रहा नगर परिषद इन अवैध कॉलोनियों पर अभी तक चुप है। राजस्थान पत्रिका टीम ने ग्रीन जोन में काटी जा रही कॉलोनी के हालात देखे तो मास्टर प्लान की हकीकत की पोल खुल गई।
बता दें कि रणथंभौर वन क्षेत्र से सटे एरिया के पास अधिकांश भूमि ग्रीन जोन में है। यहां कई खातेदारों की कृषि भूमियां है। हालांकि यह कृषि भूमि सिर्फ खेती के कार्य में उपयोग में ली जा सकती है। लेकिन अब बढ़ते लालच के चक्कर में कई महत्वाकांक्षी लोग एग्रीकल्चर की इन जमीन का सौदा कर रहे हैं। ऐसे में यहां खुलेआम प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं और क्षेत्र में खुले आम निर्माण भी चल रहे हैं।
बोले कॉलेनाइजर्स- पट्टा नहीं, रजिस्ट्री हो जाएगी

शहर के ग्रीन जोन में काटी जा रही कॉलोनियों की हकीकत जानने को राजस्थान पत्रिका की टीम ने क्षेत्र में खुद जाकर हालात देखे तो पोल खुल गई। इस दौरान एक कॉलेजनाइजर्स यहां किसी को भूखंड़ दिखा रहा था। पत्रिका टीम ने बात की तो उसने यहां नौ हजार रुपए गज के अनुसार जमीन के भाव बताए। जब उससे पूछा कि उससे कहां और कैसे बात होगी तो कॉलेजनाइजर्स ने ग्रीन जोन में काटी गई कॉलोनी में लगे पत्थर की ओर इशारा किया, जिस पर नाम और नंबर लिखा था। उससे जब भूखंड़ के पट्टा हो जाने के बारे में पूछा तो बोला कि वे सिर्फ यहां भूखंड़ की रजिस्ट्री करवा सकते हैं, पट्टा किसी के पास नहीं है। किसी कार्रवाई की संभावना पर उन्होंने कहा कि यहां बड़े-बड़े लोग मकान बनाकर बस चुके हैं। उनकी भी रजिस्ट्री है तो तुम्हे कौंन कुछ कहेगा।

की जाएगी कार्रवाई
मास्टर प्लान के भू-उपयोग परिवर्तन के खिलाफ जो भी अवैध निर्माण हो रहे हैं। वह गलत है। यूआइटी इनका चिह्नीकरण करवाकर जल्द यहां कार्रवाई करेगी।
विजेंद्र मीणा, सचिव, नगर विकास न्यास

Hindi News/ Sawai Madhopur / ग्रीन जोन में बोर्ड लगाकर बेचे जा रहे भूखंड़, पट्टे की गारंटी नहींखातेदारी की जमीन बताकर कृषि भूमि की करवा रहे रजिस्ट्री

ट्रेंडिंग वीडियो