
रणथम्भौर के आमाघाटी की दीवार फांदकर शावकों की ओर जाती बाघिन लाइटनिंग।
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के आमाघाटी वन क्षेत्र के पास स्थित खेत में मां के बिना भूखे शावक शनिवार को खेत मेें ही रहे। हालांकि बाघिन लाइटनिंग खेत की ओर लौट आई है। शावकों व लाइटनिंग की टे्रकिंग में जुटे वनकर्मियों को खेत व बगीचे के आस-पास के क्षेत्र में बाघिन के पगमार्क मिले हैं। पिछले दिनों बाघिन लाइटनिंग दो शावकों को खेत में अकेला छोड़कर जंगल में चली गई थी। बाघिन के शावकों को छोडऩे के बाद वन विभाग शावकों की सुरक्षा के इंतजाम करने में जुटा हुआ है।
शावकों को छोडऩे का अनूठा मामला
रणथम्भौर में बाघिन द्वारा शावकों को अकेला जंगल के बाहर खेत में छोडऩे का यह पहला मामला है। आमतौर पर बाघिन कभी शावकों को अकेला नहीं छोड़ती है और ना ही शावकों के छोटा होने पर बाघ के साथ विचरण या सहवास करती है। हालांकि इससे पूर्व रणथम्भौर में बाघिन सुंदरी की मौत के बाद वन विभाग ने ही बीना वन व बीना टू दोनों शावकों को पाला था। इन दोनों शावकों को बाद मेंं सरिस्का शिफ्ट कर दिया गया था।
पांच कैमरे लगाए हैं : वन विभाग की टीम बाघिन व शावकों की लगातार ट्रेकिंग करने में जुटी हुई है। वन विभाग ने बाघिन व शावकों की ट्रैकिंग के लिए शनिवार को खेत व उसके आस-पास के क्षेत्र में पांच फोटो ट्रेप कैमरे लगा दिए हैं। वन विभाग के सीसीएफ वाईके साहू ने शनिवार को सुबह व शाम दो बार मौके पर
जाकर शावकों की स्थिति का जायजा लिया।
अब रविवार तक करेंगे इंतजार
वन विभाग को ट्रैकिंग के दौरान आस-पास के क्षेत्र में बाघिन के पगमार्क मिलने से वन विभाग ने राहत की सांस ली है। अब वन विभाग सोमवार सुबह तक और इंतजार करेगा। इसके बाद सुबह कैंमरों में फोटों की जांंच करने के बाद ही शावकों के लिए आगे के इंतजाम किए जाएंगे।
जिप्सियां दौड़कर बाघ को हटाया
सातवें दिन बाद लाइटनिंग के वापस बगीचे व खेत की ओर लौटने पर बाघ टी-95 भी बाघिन के पीछे-पीछे वहां तक पहुंच गया। इसके बाद वन विभाग के कार्मिकों ने बाघ की ओर जिप्सियां दौड़ाकर बाघ को वहां से भगा दिया।
कैमरों से स्पष्ट होगा...
बाघिन अब तक लौटकर खेत में शावकोंं के पास नहीं आई है। खेत व बगीचे के आस-पास के क्षेत्र में ही विचरण कर रही है। पगमार्क मिले हैं। ट्रेकिंग के लिए कैमरे लगाए गए हैं। रविवार को कैमरों की जांच करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
वाई के साहू, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।
Published on:
08 Apr 2018 11:41 am
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