ये क्लीनिकल ट्रायल मैनहट्टन में Memorial Sloan Kettering (MSK) Cancer Center ने किया था। क्लीनिकल ट्रायल में Dostarlimab ड्रग का ट्रायल किया गया था। इसकी जानकारी देते हुए MSK की तरफ से जानकारी दी गई कि , “रेक्टल कैंसर इम्यूनोथेरेपी के बाद गायब हो गया। वो भी बिना रेडीऐशन, सर्जरी और कीमोथेरेपी जैसे स्टैन्डर्ड ट्रीट्मन्ट के ठीक हुआ है। अब इन मरीजों में कैंसर वापस नहीं आएगा।”
6 महीनों तक चला ट्रायल
कैंसर के 12 मरीजों को 6 महीनों तक हर तीन हफ्ते में Dostarlimab दिया गया और उसके परिणाम हैरान कर देने वाले रहे। इन सभी मरीजों में कैंसर का स्टेज एक समान ही था जो अन्य ऑर्गन में नहीं फैला। शोधकर्ताओं के अनुसार, ये पहली बार था जब कैंसर के ट्रायल में सभी रोगी एक दवा से पूरी तरह से ठीक हो गए और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव भी नहीं देखने को मिले।” इस ट्रायल के नतीजों का खुलासा सप्ताहांत में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में और अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी की एक बैठक में किया गया।
यूवी इंडेक्स के साथ बढ़ा त्वचा कैंसर का खतरा
हर साल कैंसर से मरने वालों की संख्या बढ़ रहीकैंसर से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग मरते हैं और ये संख्या साल दर साल बढ़ रही है। WHO के आंकड़ों को देखें तो दुनियाभर में वर्ष 2020 में लगभग 10 मिलियन लोगों की कैंसर से मृत्यु हो गई थी। अकेले भारत में वर्ष 2020 में कैंसर से 7.70 लाख लोगों की मौत हुई थी जिसमें गुजरात सबसे टॉप पर था। ऐसे में कैंसर के इलाज का सफल ट्रायल कैंसर के मरीजों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। अब इस ड्रग ट्रायल को और बड़े लेवल पर करवाया जा सकता है।