पुराने जमाने में जमीन पर बैठकर खाना खाते थे
शोध में सामने आया कि खड़े होकर भोजन करने से होता है नुकसान
जमीन पर बैठकर खाने से मिलते हैं कई फायदे! नए शोध में हुई पुष्टि
नई दिल्ली। आज कल बैठकर खाने के बजाए खड़े हाेकर खाने का ट्रेंड (trend )बढ़ रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खड़े होकर खाना खाना आपके लिए कितना हानिकारक है। कहा जाता था कि हमारे दादा-दादी जमीन ( earth )पर बैठकर खाना खाते थे। इसके पीछे भी कोई कारण होता था। अब शोधकर्ताओं ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जमीन पर बैठकर खाना खाने के कई फायदे हैं। एक शोध ( reasearch )के अनुसार- अगर आप जल्दबाजी में भाग-भागकर खाना खाते हैं तो यह आपके लिए अच्छी बात नहीं हैं ।
ज्यादा कॉफी पीना सेहत के लिए लाभदायक, नए शोध ने किया ये दावा वैज्ञानिकों ने अपने सर्वे में बताया कि अगर कोई व्यक्ति खड़े-खड़े खाना खाता है, तो उसे कई प्रकार की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शोध के अनुसार- खड़े होकर खाने से एक तो व्यक्ति टेंशन( tension )में रहता है और दूसरा उसके शरीर की कुछ स्वाद ( taste ) ग्रंथियां काम करना बंद कर देती है।
अब खबरें लिखेगा यह पत्रकार रोबोट, खासियतें जानकर रह जाएंगे हैरान इस रिसर्च का जिक्र एक पत्रिका में प्रकाशित लेख में किया गया है, जिसमें बताया है कि हमारा वेस्टिबुलर सेंस (शरीर के बैलेंस में काम आता है) स्वाद को पहचानने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमरीका( amrica )में साउथ फ्लोरिडा (florida) यूनिवर्सिटी की ओर से करवाए गए इस शोध में बताया गया है कि हमारे शरीर के रक्त को गुरुत्वाकर्षण बल बड़ी तेजी से नीचे की तरफ खींचता है, जिसकी वजह से हृदय को रक्त को वापस ऊपर खींचने के लिए ज्यादा तेजी से काम करना पड़ता है। इससे हृदयगति बढ़ जाती है।
इस भीम कुंड की गहराई वैज्ञानिक भी नहीं माप पाए, जानें क्या है इसका रहस्य बता दें, शोधकर्ताओं ने इस शोध को एक क्रियाकलाप के जरिए किया। जिसमें विस्तार से बताया कि किस प्रकार तनाव के पैदा होने से हार्मोन कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, इसके बढ़ने से स्वाद का पता लगाने की संवेदनशीलता प्रभावित होती है। इस वजह से कितना भी स्वादिष्ट खाना खाएंगे वो आपको बेस्वाद ही लगेगा। यदि आप सही तरीके से जमीन पर बैठकर खाना नहीं खाएंगे तो खाए गए खाने का स्वाद भी बेकार लगेगा।
रिसर्चस ने इसके पीछे के कारण को जानने के लिए 300 ऐसे लोगों को चुना जो खड़े होकर खाना खाते थे। शोध का हिस्सा बने सभी लोगों को एक ही तरह का खाना दिया गया। खाना देने के बाद उन्होंने अपने तरीके से खाना शुरु किया। कुछ बैठकर खाने लगे लेकिन उनमें से अधिकतर लोग खड़े होकर खाना खाने लगे। खाने के बाद उनसे उनके अनुभव पूछा गया तो खड़े होकर खाना खाने वालों का अनुभव अच्छा नहीं था। जबकि बैठकर तसल्ली से खाने वालों का अनुभव उनसे कहीं बेहतर था। इन सभी पर सर्वे करने के बाद जो रिपोर्ट तैयार की गई उसके हिसाब से ये निर्णय निकला कि जमीन पर बैठकर भोजन करना खड़े होकर भोजन करने से कहीं बेहतर है।