सीहोर में धुलेडी के दूसरे दिन होली खेली गई। कथावाचक पंडित मिश्रा ने इसे महादेव की होली का नाम दिया है। महादेव की होली में केवल गुलाल और चंदन के पानी का ही इस्तेमाल किया जाता है। पंडित मिश्रा ने (Pandit Pradeep Mishra) महादेव की होली (Mahadev ki Holi) की पांच महादेव मंदिरों (Mahadev Mandir) में अष्टगंध से जलाभिषेक कर शुरुआत की।
मंगलवार को सबसे पहले चमत्कारेश्वर मंदिर के शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया। यहां चंदन के जल से शिवजी का अभिषेक किया गया। इसके साथ ही सीहोर के पांच पुराने शिव मंदिरों में जाकर होली खेली गई। इस मौके पर पंडित मिश्रा के देशभर के अनुयायी महादेव की होली खेलने के लिए सीहोर आए।
सीहारे के प्रसिद्ध महादेव मंदिर (Mahadev Mandir) से महादेव की होली का चल समारोह शुरु हुआ। यह चल समारोह मनकामनेश्वर मंदिर (Mankameshwar Mandir) पर पहुंचा। होली के इस मौके पर पंडित प्रदीप मिश्रा अनूठे अंदाज में दिखे। उन्होंने सिर पर स्टाइलिश साफा बांधा था जबकि आंखों पर ब्लेक सनग्लास पहन रखा था।
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महादेव की होली की शुरुआत दो साल पहले अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Katha Vachak Pandit Pradeep Mishra) ने ही की थी। सन 2022 से उन्होंने महादेव की होली के नाम से यह विशेष कार्यक्रम शुरु करवाया।