
टीका लगते ही बेहाल हुए बच्चे, चलने में हो रही परेशानी
सेंधवा. सेंधवा क्षेत्र के खुरमाबाद गांव के शासकीय स्कूलों में बच्चों को टीके लगाने के अभियान के तहत लगाए इंजेक्शन के बाद पैरों में दर्द, चलने में परेशानी की शिकायत के बाद बच्चों को सेंधवा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाज जारी है। हालांकि किसी को कोई गंभीर समस्या नहीं है। चिकित्सकों का कहना है कि ये सामान्य है, लेकिन मामले की जांच करके कार्रवाई करेंगे।
शासकीय स्कूलों में डिप्थीरिया और टिेटनेस बीमारियों के टीके लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान सेंधवा विधानसभा के चाचरिया क्षेत्र के खुरमाबाद और अन्य ग्रामों के बच्चों को गुरुवार को टीके लगाए गए थे। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की जांघों में टीके लगाए गए थे। उस दौरान तो कोई समस्या नहीं आई, लेकिन कुछ घंटों बाद बच्चों को पैरों में सूजन चलने में परेशानी और दर्द की शिकायत होने लगी। कुछ बच्चों को बुखार की समस्या भी देखी गई। ग्रामीणों ने शुक्रवार को बच्चों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनका इलाज जारी है। हालांकि बच्चों को कोई गंभीर समस्या नहीं है।
करीब 17 बच्चों को सेंधवा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज किया जा रहा है। जयस कार्यकर्ता शुक्रवार को बच्चों के परिजनों के साथ सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले में बीएमओ ओएस कनेल से बात करके एएनएम के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। बच्चों के मामले में ग्रामीणों ने कहा कि यदि कोई बड़ी समस्या हो जाती तो क्या करते है। फिलहाल सिर्फ दो गावों में बच्चों को ये समस्या आई है। अन्य गांव बच्चों से भी पूछताछ करेंगे और समस्या हुई तो अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
डप्थीरिया और टिटनेस टीके लगाने का चल रहा है अभियान
सेंधवा विधानसभा सहित जिले में शासकीय स्कूलों में अभियान चलाकर बच्चों को गिफ्ट दिया और टिटनेस के टीके लगाने के निर्देश है। सेंधवा के कई स्कूलों में शुक्रवार को टीके लगाए गए बच्चों को गिफ्ट दिया और फिटनेस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि अन्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को इस तरह की परेशानी के सूचना नहीं है।
खुरमाबाद सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे सेंधवा सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आए है। डिप्थीरिया और टिटनेस के इंजेक्शन लगाने के बाद उनकी जांघों में दर्द और बुखार की समस्या बताई जा रही है। किसी भी बच्चे को कोई गंभीर परेशानी नहीं है। बच्चों का इलाज किया जा रहा है। जिस कर्मचारी ने टीके लगाए हैं जांच कराएंगे।
ओएस कनेल, बीएमओ सेंधवा
Published on:
20 Aug 2022 03:59 pm
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