नदी-नाले उफान पर, गिरे पेड़, राजमार्ग पर लगा लम्बा जाम
सिवनी. जिले भर में मंगलवार को पूरे दिन आंधी-तूफान के बीच हुई कहीं रिमझिम बारिश तो कहीं झमाझम बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया। भादों मास की शुरुआत से ही शुरू हुई बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। कहीं पेड़ों के गिरने से तो कहीं पुल के ऊपर से पानी बहने से मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। पिछले कुछ दिनों से बारिश के थमे रहने के बाद सोमवार से बारिश शुरू हुई वहीं मंगलवार को जिले भर में आंधी-तूफान के साथ हुई झमाझम बारिश से शहर व कई गांव जलमग्न हो गए। वहीं जबलपुर-नागपुर नेशनल हाइवे-7 पर आंधी-तूफान से सड़क पर पेड़ गिर गए। झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। कुरई से पाटन मार्ग पर बना पुल डूब जाने से इस मार्ग से लगभग दो घण्टे तक आवागमन ठप रहा। कुरई से मोहगांव तक वाहनों की लम्बी कतारें लगी रही। सिवनी से छिंदवाड़ा जाने वाले मार्ग स्थित लखनवाड़ा का पुराना रपटानुमा पुल डूब गया। बरघाट, कुरई, केवलारी, घंसौर, बिनेकी, छीतापार समेत अनेक जगहों पर हुई झमाझम बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। सिंचाई विभाग के एसडीओ बीएस उइके ने बताया कि भीमगढ़ स्थित संजय सरोवर बांध में सोमवार तक 514.80 मीटर पानी भरा था वहीं मंगलवार की शाम तक डेम का पानी बढ़कर 514.90 मीटर हो गया है।
नगर के बुधवारी मार्ग, शंकर मढिय़ा समेत अनेक निचले इलाके जलमग्न हो गए। बुधवारी बाजार में कई दुकानों, घरों में कमर तक पानी भर गया। दुकानों में रखा सामान गीले होने से खराब हुए वहीं नगर पालिका प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते नागरिकों, व्यापारियों में खासा आक्रोश बना रहा। आक्रोशित लोगों ने मुख्य मार्ग पर ठिलिया लगाकर आवागमन पूरी तरह से रोक दिया। यहां कई घण्टे तक सड़क पर पानी भरा रहा और काफी देर तक जाम लगा रहा। मौके पर पुलिस प्रशासन पहुंचकर जाम को खुलवाया।
सावन के सूखे बादल, भादो लगते ही जमकर बरसे बदरा ने नगर की सड़कों को पानी से लबालब कर दिया। नगर के दर्जनों मोहल्ले की गलियां हो या सड़के जहां पर नालियों की नियमित सफाई ना होने के कारण जलभराव से लोगों को दो चार न होना पड़ा हो। बरसात के दौरान ही स्कूलों की छुट्टी होने के बाद बच्चे भीगते हुए घर पहुंच और सड़कों पर भरे पानी का जमकर आनंद उठाया।
बरघाट में सोमवार की शाम से शुरु हुई बरसात ने मंगलवार को सुबह से दोपहर तक जमकर बरसा जिससे नगर अधिक को पानी से लबालब कर दिया। बरसात का पानी रेस्टहाउस रोडए वार्ड क्रमां 12, वार्ड 9 के अलावा अन्य मोहल्ले ऐसे थे जहां पर जलभराव हो गया था।
बरसात के थमते ही स्कूल, कॉलेज की छुट्टी होने के बाद छात्र-छात्राओं को जलमग्न सड़कों से गीले होकर जाना पड़ा। बरघाट क्षेत्र में मंगलवार को मूसलाधार बारिश ने बाद किसानों में काफी हर्ष व्याप्त है। क्षेत्र में धान की फसल ज्यादा होती है जिसके चलते धान की बांधियों में पानी की महती आवश्यकता थी और पानी नहीं गिरने से किसान चिंतित नजर आ रहे थे। वहीं दो दिनों से हुई बारिश से खेतों, बंधियों में काफी पानी भर गया। वहीं झमाझम बारिश ने बरघाट से गांव को जोडऩे वाली सड़कें भी नालों के उफान के कारण अवरुद्ध हो गई जिससे गांव की आवागमन में असुविधा हुई। बारिश के बाद भी कांंचना मंडी जलाशय 55प्रतिशत, शुक्ला डेम 63 प्रतिशत बोरी जलाशय 51 प्रतिशत ही भर पाया है।