आशा कार्यकर्ता ने कहा है कि वह वर्ष 2016 से कार्यरत है। 26 जून वर्ष 2023 में उसको नीचा दिखाने के लिए गांव के कुछ लोगों ने झूठी शिकायत की थी। स्वास्थ्य केन्द्र छपारा से 10 जुलाई को उसको नोटिस जारी हुआ। 12 जुलाई को मैंने जवाब प्रस्तुत किया। बीपीएम योगेंद्र सेन 17 जुलाई को गांव में पहुंचकर पंचनामा बनाया।
उस दिन कॉल कर बीपीएम ने बुलाया पर मैं नहीं पहुंच पाई। 18 जुलाई को बीपीएम ने घर बुलाया। दूसरे दिन 19 की शाम को उसके घर पहुंची। वहां पर उसने कहा कि गांव में विरोध हो गया है। तुम दो माह शांत रहो। अभी कोई काम मत करो। मैं पत्र नहीं निकालूंगा। तुम 60 से 70 हजार रुपए की व्यवस्था करके रखना ऊपर अधिकारियों को मैनेज करना पड़ेगा।
31 जुलाई को खण्ड चिकित्साधिकारी व बीपीएम के नाम से पत्र जारी हुआ, जिसमें उल्लेखित था कि आवेदिका को आशा के पद से हटाने और नवीन आशा को नियुक्त करने का प्रस्ताव मांगा गया था। इसकी जानकारी के बाद मैं परेशान हो गई। उसी समय बीपीएम का कॉल आया उसने पति से बात करने की बात कही। पति से बात करते हुए उसने पैसे की व्यवस्था करने को कहा। साथ ही चेतावनी दी कि यदि पैसे नहीं दिए तो नौकरी चली जाएगी।
रक्षाबंधन पर पहुंचे भाई ने 63 हजार लिया और नहीं दिया बीपीएम को
आशा कार्यकर्ता ने शिकायत में कहा है कि अगस्त 2023 में रक्षाबंधन के दिन चचेरा भाई चाचा विश्राम डहेरिया का लडक़ा शिवेश घर आया। मैंने उसको पूरी बात बताई। उसने बताया कि वह बीपीएम का दोस्त है। एक ही कॉलोनी में दोनों रहते है। भाई ने बीपीएम को पैसे देने की बात कही। अलग-अलग तिथि में मैने भाई को बीपीएम को देने के लिए 63 हजार रुपए दे दिए। 28 अगस्त को भाई ने काल कर कहा कि तुम्हारा काम हो गया है। बीपीएम को 20 हजार रुपए और दे दो। उसने मोबाइल पर एक पत्र भेजा। पत्र सरपंच के नाम से था, जिसमें आशा कार्यकर्ता को पद से नहीं हटाने की बात लिखी थी। यह पत्र एक सितम्बर 2023 को मुझे प्राप्त हुआ। सात सितम्बर को पति के साथ 20 हजार रुपए लेकर बीपीएम के घर गई। वे हमलोगों का इंतजार कर रहे थे। उसको पैसे दिए। इसके बाद उसने कहा कि जो पैसे तुमने शिवेष को दिए है, वह मुझे नहीं मिला है। घर पहुंचकर मैंने जब भाई को फोन किया तो उसने कहा कि इतने पैसे में नहीं होगा और पैसे का इंतजाम कर उसे दो। अलग-अलग दिवस को मैंने चार से पांच बार उसे काल कर पैसे वापस लेकर बीपीएम को देने की बात कही तो उसने मुझे बुरा भला कहकर कॉल काट दिया। इसके बाद वह कॉल रिसीव नहीं किया।
सीएमएचओ व संदीप का नाम बीपीएम ले रहा है रिकॉर्डिंग में
आरोपी बीपीएम योगेंद्र सेन एक रिकॉर्डिंग में बात करते समय संदीप व सीएमएचओ का नाम ले रहा है। वह कह रहा है कि संदीप आया था। आचार संहिता के बाद एक नया आदेश सीएमएचओ से जारी करा देगा। तुम पैसे का इंतजाम कर दो। अलग-अलग रिकॉर्डिंग और आशा कार्यकर्ता के आरोप पर गौर करें तो बीपीएम पैसे से कई लोगों को मैनेज करने की बात कहा है। अब सवाल यह है कि कौन-कौन लोग इसमें शामिल है। निष्पक्ष जांच के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा।
आशा कार्यकर्ता मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मैंने किसी से पैसे नहीं मांगे है। ग्रामीणों ने उसके खिलाफ शिकायत किया था। उसके साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने भी शिकायत की है। उसे नौकरी से नहीं निकाला गया है। वह ग्रामीणों से और साथ काम करने वालों से माफी मांग कर नौकरी कर सकती है। पैसे के लेने-देन की जो रिकॉर्डिंग है। वह पैसे खेती के नाम पर मुझसे लिए थे, वहीं वापस करने की बात हो रही है।
– योगेंद्र सेन, बीपीएम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छपारा
मेरे संज्ञान में यह मामला आया है। मैं इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित कर रहा हूं। कमेटी रिकॉर्डिंग की सीडी सहित सारे तथ्यों की बारीकी से जांच करेगी। किसी से भी नौकरी बचाने के नाम पर पैसा लेना गलत है। यदि उसने अधिकारियों के नाम का उल्लेख किया है तो इसकी भी बारीकी से जांच कराएंगे।
– डॉ. जयदीप सिंह ठाकुर, सीएमएचओ सिवनी