सीसीटीवी से कॉल सेंटर की निगरानी
कॉल सेंटर की निगरानी सीसीटीवी के माध्यम से की जाएगी। यहां पर कॉल टेलर से लेकर शिकायतों को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने तक के लिए कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। कॉल सेंटर में 25 जनवरी से सुबह नौ बजे से लेकर रात नौ बजे तक काम करना शुरू कर दिया है।
हर कॉल की त्रिस्तरीय मॉनिटरिंग
प्रत्येक कॉल की त्रिस्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के साथ ही सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से फोन कॉल की मॉनिटरिंग होगी। इसके अलावा कॉल सेंटर पर आने वाली हर कॉल सीधे चुनाव आयोग से कनेक्ट रहेगी। वहीं उसकी निगरानी होगी।
संपर्क केन्द्र से कनेक्ट हो जाएगा टोल फ्री नम्बर
जिले से कोई व्यक्ति जब टोल फ्री नंबर पर कॉल करेगा, तो जिला संपर्क केंद्र के कॉल सेंटर में उसकी कॉल स्वत: ट्रांस्फर हो जाएगी। वहां कॉल टेकर उसकी बात सुनकर उसे दर्ज करेगा और फोन करने वाले व कॉल टेकर की बातचीत की स्वत: रिकॉर्डिंग भी हो जाएगी। अगर किसी को मोबाइल से कॉल करना है तो उसे टोल फ्र ी नंबर से पहले उसे जिले का कोड डायल करना होगा, तभी उसकी कॉल कनेक्ट होगी।
अभी सिर्फ बीएसएनएल से लगता है कॉल
टोल फ्री नम्बर 1950 अभी सिर्फ बीएसएनएल के मोबाइल व लैण्डलाइन नम्बर से लगता है। अन्य कंपनियों के मोबाइल व लैण्डलाइन नम्बर से अभी इस नंबर का टाइअप चल रहा है और आगामी दिनों में यह सभी कंपनी के नंबरों से लगना शुरू हो जाएगा। पहले इस नंबर को डॉयल करने पर भोपाल के निर्वाचन कार्यालय में संपर्क होता था, लेकिन 25 जनवरी के बाद से टोल फ्री नंबर 1950 का कनेक्शन हर जिले के संपर्क केन्द्र से हो गया है।
इन सुझावों पर भी हो अमल
-ऐसे स्वतंत्र बूथों की स्थापना होना चाहिए, जहां कोई भी मतदाता जाकर मतदान कर सके।
– वन टाइम पासवर्ड देकर कहीं से भी मतदान करने की सुविधा मतदाता को मिलनी चाहिए।
-मतदाताओं की पहुंच क्षेत्र के दायरे में मतदान केन्द्र होना चाहिए, ताकि हर कोई मतदान कर सके।
इनका कहना है
आईएफएससी टोल फ्र ी नंबर-1950 जिला मुख्यालय स्तर पर शुरू करने का मकसद मतदाताओं की समस्या का समाधान करना है। इसके जरिए लोग उन बातों को भी चुनाव आयोग व जिले के संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे, जिन तक अफसरों की निगाह नहीं जा पा रही होगी।
अशोक ओहरी
जिला उपनिर्वाचन अधिकारी, शहडोल