सवाल: जिले में क्या नलकूप खनन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया?
जवाब- हाँ, आज ही मैंने यह आदेश जारी कर दिया है।
सवाल: क्या चुनाव जीतने के लिए सरकार, प्रशासन के कंधों पर सवार है?, आपने पहले यह प्रतिबंध क्यों लगाया?
जवाब- नहीं ऐसा नहीं है। पहले जो प्रतिबंध लगाया था, वो जिले में हुई अल्पवर्षा के चलते लगायाा था।
सवाल: तो अब बोरिंग खननसे प्रतिबंध क्यों हटाया?, क्या प्रभारी मंत्री ने घोषणा कर दी, इसलिए हटाया है?
जवाब- जिले में अभी से पानी का संकट गहराने लगा है। कई गांव में पेयजल की स्थिति भी बिगडऩे लगी है। किसान अपने खेतों में खड़ी फसल को सिंचाई नहीं कर पा रहे, इसलिए 15 दिन के लिए प्रतिबंध हटाया है।
यही तो दुर्भाग्य है कि नलकूप खनन पर प्रतिबंध या छूट देने का आदेश एसडीएम या कलेक्टर करते हैं, क्या वे भूजल वैज्ञानिक हैं..?। मैं शिवपुरी व गुना में एसडीओ भी रहा, तो मैंने देखा कि गुना की स्थिति तो बेहतर है, लेकिन शिवपुरी के हालात बेहद गंभीर हैं। नावार्ड का नियम है कि दो ट्यूबवैलों के बीच 200 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन शिवपुरी में तो इस नियम को खंूटी पर टांग दिया है। जिस वजह से जिले में साल-दर-साल भूजल की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है।
एसएस जैन, रिटायर्ड सहायक भू-जल विद्