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शिवपुरी

मंत्री की घोषणा के बाद कलेक्टर ने बिना बारिश के ही हटाया नलकूप खनन से प्रतिबंध

उपचुनाव देख प्रभारी मंत्री ने की घोषणा, अमल करने तैयार हुआ प्रशासन
 

शिवपुरीNov 18, 2017 / 10:54 pm

shyamendra parihar

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शिवपुरी. जिले में बारिश का मौसम निकलने के एक माह बाद जब जिले भर में वाटर लेबल के आंकड़े इकट्ठे किए गए, तो हालात गंभीर देखते हुए कलेक्टर ने जिले में नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया। इस बीच उपचुनाव की तैयारियों की पहली बैठक में शामिल होने प्रभारी मंत्री रुस्तम सिंह जब कोलारस पहुंचे तो वहां जनता की मांग पर प्रभारी मंत्री ने नलकूप खनन पर 15 दिन के लिए प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर दी। मंत्री की घोषणा के दो दिन बाद जब कलेक्टर से इस बारे में पूछा तो वे बोले कि आज ही मैं आदेश जारी कर रहा हूं। बड़ा सवाल यह है कि इस दौरान न तो बारिश हुई और न ही जिले का वाटर लेबल बढ़ा, तो फिर प्रशासन ने किन कारणों से प्रतिबंध हटा दिया..?। कलेक्टर का कहना है कि जिले में जल संकट गंभीर हो रहा है, इसलिए नलकूप खनन में 15 दिन की छूट दे रहे हैं। जबकि रिटायर्ड भू-जलविद् कहते हैं कि शिवपुरी में नियमों को ताक पर रखकर पर्यावरण के साथ मनमानी की जा रही है, जिसके चलते हालात गंभीर होते जा रहे हैं।
गौरतलब है कि कोलारस उपचुनाव का बिगुल फुंक चुका है और मुख्यमंत्री के दौरे के बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों की आवाजाही भी शुरू हो गई। कोलारस विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए यह समय इतना अच्छा आया है कि जो मांग रहे हैं, मंत्री उसे देने में कतई देर नहीं कर रहे। अल्पवर्षा के बीच तेजी से घटते भूजल स्तर को थामे रखने के लिए जो नलकूप खनन पर प्रतिबंध प्रशासन ने लगाया, उसे मंत्री की घोषणा के दो दिन बाद ही अमल करना पड़ा। इतना ही नहीं कोलारस एसडीएम आरए प्रजापति भी इन दिनों वे काम बिना देर किए निपटा रहे हैं, जिनके निर्देश मुख्यमंत्री अथवा मंत्रियों के द्वारा दिए जा रहे हैं। यह खुलासा तब हुआ जब किसी खबर के संबंध में बात करने एसडीएम कोलारस को मोबाइल पर संपर्क किया, तो उन्होंने फोन रिसीव तो कर लिया, लेकिन बात करने की बजाय, जो पत्र वो बनवा रहे थे, उसका मजमून बोलते रहे।
कलेक्टर से सीधी बात
सवाल: जिले में क्या नलकूप खनन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया?
जवाब- हाँ, आज ही मैंने यह आदेश जारी कर दिया है।
सवाल: क्या चुनाव जीतने के लिए सरकार, प्रशासन के कंधों पर सवार है?, आपने पहले यह प्रतिबंध क्यों लगाया?
जवाब- नहीं ऐसा नहीं है। पहले जो प्रतिबंध लगाया था, वो जिले में हुई अल्पवर्षा के चलते लगायाा था।
सवाल: तो अब बोरिंग खननसे प्रतिबंध क्यों हटाया?, क्या प्रभारी मंत्री ने घोषणा कर दी, इसलिए हटाया है?
जवाब- जिले में अभी से पानी का संकट गहराने लगा है। कई गांव में पेयजल की स्थिति भी बिगडऩे लगी है। किसान अपने खेतों में खड़ी फसल को सिंचाई नहीं कर पा रहे, इसलिए 15 दिन के लिए प्रतिबंध हटाया है।

यही तो दुर्भाग्य है कि नलकूप खनन पर प्रतिबंध या छूट देने का आदेश एसडीएम या कलेक्टर करते हैं, क्या वे भूजल वैज्ञानिक हैं..?। मैं शिवपुरी व गुना में एसडीओ भी रहा, तो मैंने देखा कि गुना की स्थिति तो बेहतर है, लेकिन शिवपुरी के हालात बेहद गंभीर हैं। नावार्ड का नियम है कि दो ट्यूबवैलों के बीच 200 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन शिवपुरी में तो इस नियम को खंूटी पर टांग दिया है। जिस वजह से जिले में साल-दर-साल भूजल की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है।
एसएस जैन, रिटायर्ड सहायक भू-जल विद्

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