सौरभ शुक्ला के पिता टीचर है। उसके परिवार के लोग सीधी में ही रहते हैं। गिरफ्तारी की खबर से वे लोग अनजान थे। सौरभ के छोटे भाई मोहित ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुबह में सोशल मीडिया के माध्यम से हमलोगों को यह जानकारी मिली है। मेरे भाई को इन चीजों से कोई लेना देना नहीं है।
यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा सौरभ पाकिस्तान से फोन और इंटरनेट के अपने नेटवर्क के सदस्यों के साथ पाकिस्तान में बैठे लश्कर के हैंडलर के संपर्क में था। 24 वर्षीय सौरभ सीधी जिले के अगहर का रहने वाला है। सौरभ पर पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में रहने का आरोप है। सौरभ भारत से जानकारियां इक्ट्ठा करके आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को भेजता था। इतना ही नहीं सौरभ भारत से पैसा जुटाकर पाकिस्तान भेजता था।
यूपी एटीएस को लंबे समय से सौरभ की तलाश थी। रविवार को गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे नौ अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया गया। एटीएस ने कोर्ट से रिमांड भी मांगी है। रिमांड मिलने के बाद एटीएस के अधिकारी उससे पूछताछ करेंगे। उसके बाद उसके अन्य सहयोगियों के बारे में जानकारी मिलेगी।
सतना के बलराम के बाद अब सीधी में सामने आया टेरर फंडिंग का मामला सामने आया है। इससे पहले रीवा के सेमरिया से एक युवक यूपी एसटीएफ ने आंतिकयों को फंडिंग करने के मामले में गिरफ्तार किया था। पिछले साल यूपी एटीएस ने यूपी, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के रीवा में छापे मार कर टेरर फंडिंग के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर की मदद कर रहे 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। सौरभ भी उन्हीं में से एक था जो फरार हो गया था।