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सीकर

राजस्थान में अस्पताल की बड़ी लापरवाही, एक मरीज का खून दूसरे मरीज को चढ़ाया, बिगड़ी हालत

शेखावाटी के सबसे बड़े एसके अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के कारण रविवार को एक मरीज का खून दूसरे रोगी को चढ़ा देने का अनौखा मामला सामने आया।

सीकरMay 27, 2019 / 05:44 pm

Vinod Chauhan

शेखावाटी के सबसे बड़े एसके अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के कारण रविवार को एक मरीज का खून दूसरे रोगी को चढ़ा देने का अनौखा मामला सामने आया।

राजस्थान में अस्पताल की बड़ी लापरवाही, एक मरीज का खून दूसरे मरीज को चढ़ाया, बिगड़ी हालत

सीकर.

शेखावाटी के सबसे बड़े एसके अस्पताल ( sk hospital Sikar ) में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के कारण रविवार को एक मरीज का खून दूसरे रोगी ( Wrong blood Transfused ) को चढ़ा देने का अनौखा मामला सामने आया। गलत खून चढ़ा देने से रोगी की तबीयत बिगड़ गई और उसको उपचार के लिए जयपुर रैफर करना पड़ा। इधर, रोगी के परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए और हंगामा कर दिया। मामले पर पीएमओ ने जांच कराने की बात कही है। ताकि दोषी नर्सिंग स्टाफ पर कार्रवाई की जा सके। जानकारी के अनुसार अस्पताल में सीकर बामणवास के महावीर को दो दिन पहले भर्ती कराया गया था। यह शराब पीने का आदि था और इसके लीवर में गड़बड़ और तान(कन्वर्जन)आने पर परिजन इसको लेकर अस्पताल पहुंचे थे। यहां इसको भर्ती के लिए मेल मेडिकल वार्ड में भिजवाया गया था। वार्ड में जगह खाली नहीं होने पर इसको खाली पड़े दूसरे वार्ड बर्न में भर्ती कर लिया गया।
इधर, इसके पड़ौस में ही नवलगढ़ के महावीर को पाइल्स की बीमारी होने पर तीन दिन पहले ही भर्ती कराया गया था। शरीर में खून की कमी होने के कारण शनिवार को इसको खून चढ़ाया जाना था। लेकिन, आरोप है कि दोपहर में नर्सिंग स्टाफ आया और नवलगढ़ वाले महावीर के बजाय बामनवास वाले महावीर के खून चढ़ा दिया।
थोड़ी देर बाद जब नवलगढ़ वाले महावीर के परिजनों का पता चला कि हमारे मरीज का खून दूसरे रोगी के चढ़ा दिया है तो उन्होंने इसकी शिकायत नर्सिंग स्टाफ से की। इधर, बामनवास वाले महावीर के शरीर में दूसरे ग्रुप का खून गया तो उसका जी मिचलाने लगा और तान आने के बाद उसका शरीर अकड़ गया। इसके बाद ड्यूटी डॉक्टर को वार्ड में बुलाया गया और बामनवास के महावीर को जयपुर रैफर कर दिया गया। इससे पहले जब गलत खून चढ़ा देने की जानकारी रोगी के परिजनों को लगी तो उन्होंने विरोध जताया और दोषी नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए महावीर को जयपुर लेकर निकल गए।


आवाज लगाई और चढ़ाई ड्रिप
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि वार्ड में आने पर नर्सिंग स्टाफ ने महावीर को आवाज लगाई थी। परिजनों ने महावीर की तरफ इशारा किया और स्टाफ ने उसके खून की ड्रिप चढ़ाकर चला गया। जबकि जिस नवलगढ़ के महावीर को खून चढऩा था। वह इस दौरान बेड पर नहीं होने के कारण नर्सिंग स्टाफ धोखा खा गया और बिना तहकीकात किए बगैर जल्दबाजी में दूसरे रोगी को खून चढ़ा दिया।


दूसरा रोगी भी पार
स्टाफ की लापरवाही सामने आने पर नवलगढ़ का महावीर भी बिना बताए ही अस्पताल से चला गया। जिसको बाद में अस्पताल स्टाफ के लोग खोजते रहे। ऐसा कई बार देखने को मिला है कि मेल मेडिकल में जगह कम और मरीज ज्यादा आने पर मजबूरी में रोगियों को खाली पड़े दूसरे वाडऱ्ों में भर्ती करना पड़ता है और इलाज में गफलत हो जाती है।


पहले बदली जांच
कुछ सालों पहले भी अस्पताल के फिमेल मेडिकल वार्ड में एक महिला मरीज के खून की रिपोर्ट ए पॉजीटिव बताने पर परिजन इस ग्रुप का खून लेकर आ गए थे। जबकि इसके तुरंत बाद मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने महिला मरीज के खून की रिपोर्ट बी पॉजीटिव परिजनों को बताई। मामले में यदि मरीज के परिजनों ने सावधानी नहीं बरती होती तो महिला मरीज के भी दूसरे ग्रुप का खून स्टाफ चढ़ा देता।

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