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सीकर: करीब चार वर्ष से ताले में बंद है यह सरकारी कार्यालय,अजीब है इसकी कहानी

धोद के कमरे में बंद सरकारी सामान की कहानी भी अजीब है। ग्रामीण बताते हैं कि कांग्रेस राज में धोद तहसील व उपखंड कार्यालय की घोषणा की गई थी।

सीकरJan 16, 2018 / 10:05 am

vishwanath saini

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सीकर. यह सरकारी कामकाज के तरीके और जनता के विरोध का बड़ा उदाहरण है। धोद तहसील कार्यालय के लिए आया लाखों का सामान पिछले करीब चार वर्ष से धोद कस्बे के एक मकान में तालों में बंद है। एक दिन की तहसील खोलकर बंद करने के बाद किसी भी अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली है। तहसील के लिए तैयार किए गए निजी भवन पर भी महज एक बोर्ड लगा है। जबकि धोद तहसीलदार का कार्यालय सीकर तहसील में ही उधार की जगह में चल रहा है। धोद उपखंड अधिकारी कार्यालय की स्थिति भी कमोबेश ऐसी है। एसडीएम कार्यालय सीकर कलक्टे्रट परिसर में संचालित हो रहा है। एसडीएम और तहसीलदार कार्यालय का मामला नहीं निपटने के कारण अभी तक थाने और पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय के प्रस्ताव को सरकार ने स्वीकृति नहीं दी है। पुलिस की ओर से भेजे गए दोनों प्रस्ताव अभी राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।

अजीब कहानी है सरकारी सामान की
धोद के कमरे में बंद सरकारी सामान की कहानी भी अजीब है। ग्रामीण बताते हैं कि कांग्रेस राज में धोद तहसील व उपखंड कार्यालय की घोषणा की गई थी। तहसील की स्वीकृति होने पर सरकार की ओर से तहसील कार्यालय के लिए फर्नीचर व अन्य सामान का ट्रक भेज गया। धोद में ट्रक पहुंचने पर ग्रामीणों ने सामान को गांव के एक मकान में खाली करवा लिया। इसके बाद अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई, लेकिन अधिकारियों ने सामान की रिसीवरी नहीं दी। बाद में धोद सरपंच से तहसील कार्यालय के लिए किराए के भवन की व्यवस्था करने को कहा गया। इस पर ग्रामीणों ने बिना किराए के ही भवन उपलब्ध करवा दिया। वहां पर उसी सामान से तहसील कार्यालय खोला गया। तहसीलदार ने कार्यभार भी ग्रहण किया, लेकिन दूसरे ही दिन इस कार्यालय को बंद कर दिया गया।

अब बन रहे हैं भवन
धोद उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के कार्यालय भवन का निर्माण चल रहा है। सरपंच प्रतिनिधि विनोद पुजारी ने बताया कि करीब दोनों सरकारी कार्यालय का करीब 70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो गया है। भवन बनने के बाद ग्रामीणों का कस्बे में तहसीलदार व एसडीएम कार्यालय खुलने का सपना पूरा होगा।
पहले का मामला…
कार्यालय अभी सीकर से संचालित हो रहा है। वहां निजी मकान में एक दिन का तहसील कार्यालय खोला गया था। तहसील का सामान एक कमरे में रखा है। यह मेरे कार्यभार ग्रहण करने से पहले का मामला है। तहसील कार्यालय का निर्माण चल रहा है। जगदीश प्रसाद, तहसीलदार, धोद
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