लागत कम करने पर फोकस
दरअसल, ई वाहनों की कीमत थोड़ी ज्यादा होने से लोगों का रुझान इस ओर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। सरकार का भी पूरा ध्यान इसकी लागत कम करने पर है। केंद्र सरकार ने इसके लिए पिछले वर्ष वाहन की लागत सीमा को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करते हुए इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों के लिए मांग प्रोत्साहन 10 हजार रुपए प्रति किलोवाट घंटा से बढ़ाकर 15 हजार रुपए प्रति किलोवाट घंटा कर दिया है। बैटरी की कीमत कम करने के लिए देश में उन्नत केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के विनिर्माण के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन स्कीम को लागू किया। ई वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत व चार्जर और चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 फीसदी किया है।
रियायतें भी नहीं बढ़ा पा रही रुझान
-मंत्रालय ने घोषणा की है कि बैटरी चालित वाहनों को हरे रंग की लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट संबंधी आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी।
– केंद्र ने अधिसूचना जारी कर राज्यों को ई वाहनों पर पथकर माफ करने की सलाह दी है। इससे इनकी शुरुआती लागत को कम करने में मदद मिलगी।
– चार्जिंग स्टेशन के लिए भी सहायता।
उत्पादन को भी प्रोत्साहन
– केंद्र ने पिछले वर्ष देश में कुल 50 गीगावाट घंटे की विनिर्माण क्षमता वाली उन्नत केमिस्ट्री सेल बैटरी भंडारण की इकाइयों की स्थापना को 5 वर्ष की अवधि के लिए 18,100 करोड़ रुपए की पीएलआइ स्कीम अनुमोदित की।
– ऑटोमोबिल और ऑटो घटक उद्योग के लिए 5 वर्ष की अवधि के दौरान 25938 करोड़ के बजटीय परिव्यय से पीएलआइ स्कीम।
आंकड़े दिखा रहे आईना
राज्य – कुल सक्रिय वाहन – इलेक्ट्रिक वाहन
दिल्ली – 12496058 – 126111
असम – 4445227 – 43707
उत्तराखंड – 3227453 – 23524
उत्तरप्रदेश – 38628929 – 258105
बिहार – 9816784 – 58655
राजस्थान – 16711095 – 47480
देश में कुल सक्रिय वाहन : 273409410
देश में सक्रिय ई-वाहन : 877117
(8 दिसम्बर 2021 तक की स्थिति)
एक्सपर्ट व्यू: जीएसटी हो शून्य, सब्सिडी बढ़े
पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता व पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए केन्द्र सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों को जीएसटी मुक्त करना चाहिए। राज्य सरकार की ओर से दस हजार रुपए तक की ही सब्सिडी दी जा रही है। जबकि गुजरात व महाराष्ट्र में 20 हजार रुपए तक सब्सिडी मिल रही है। सरकारी विभागों, स्कूल व कॉलेजों मे विद्यार्थियों व कर्मचारियों के लिए अलग से योजना लागू की जा सकती है। इससे दो साल के भीतर पूरी सूरत बदल सकती है। इलेक्ट्रिक वाहन तैयार करने वाली कंपनियों को भी तकनीक में लगातार सुधार करने होंगे। बैटरी की क्षमता में भी लगातार सुधार हो रहा है।
शशि धूत, सीकर