उज्जैन. सिंहस्थ का रंग अब शहर में चढऩे लगा है। साधुओं की जमात अवंतिका नगरी में डेरा डालने लगी है, तो 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर मेला क्षेत्र संजने-संवरने लगा है। तीन हजार हैक्टयर में फैले मेला क्षेत्र में हर सुविधाओं का बंदोबस्त किया गया है। पहली बार मोक्षदायिनी शिप्रा में लाखों करोड़ों श्रद्धालु स्वच्छ व निर्मल जल में स्नान करेंगे। साधु-संतों की सुविधा के साथ लाखों यात्रियों की सुरक्षा के अब तक के सबसे बड़े इंतजाम किए गए है। सिंहस्थ की जो तैयारियां की गई है वह शहर को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर तो उभारेगी, शहर की जनता को मैट्रो का एहसास भी करवाएगी।
मेल में हर श्रद्धालु की सुरक्षा, 2 लाख का बीमा
पहली बार सिंहस्थ मेले में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु का दुर्घटना बीमा कराया गया है। यह बीमा 2 लाख रूपये का है। शासकीय कर्मियों का 5 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा कराया कराया गया है। बीमा कंपनी को बीमा के लिये एक करोड़ 76 लाख रूपये का प्रीमियम भी जमा करवाया गया है। इससे मेले में आने वाले 5 करोड़ श्रद्धालुओं के उज्जैन शहर के स्थायी निवासियों को भी बीमे में शामिल किया गया है।
एक लाख लीटर छाछ और 40 हजार किलो घी
सिंहस्थ में साधु-संत और श्रद्धालु दूध, घी, नमकीन छाछ, दही, सुगंधित दूध, श्रीखंड, लस्सी, पनीर, सादी छाछ, मावा, पेड़ा, पनीर और मिल्क केक की अब तक की सबसे बड़ी व्यवस्था की गई है। मेले में सामान्य दिनों में रोजाना 60 हजार लीटर और शाही स्नान पर एक लाख लीटर दूध विक्रय होगा। एक लाख लीटर नमकीन छाछ, 12 हजार किलो श्रीखंड, 26 हजार लीटर लस्सी, पाँच हजार किलो दही, तीन हजार किलो मावा एवं दो हजार किलो पेड़ा विक्रय की योजना बनाई गई है। इसके अलावा यज्ञ-हवन के लिए 40 हजार किलो घी का भी इंतजाम रहेगा।
डायल करें 1100, सिंहस्थ की लें जानकारी
सिंहस्थ के लिए कॉल सेंटर भी शुरू किया गया है। इस कॉल सेंटर पर 1100 नंबर डायर कर कोई भी व्यक्ति सिंहस्थ के बारे में जानकारी ले सकता है। कॉल सेंटर पर वर्तमान समय में 10 व्यक्तियों को तैनात किया गया है। मेले के दौरान इनकी संख्या 25 के करीब हो जाएगी। कॉल सेंटर से सिंहस्थ मेला क्षेत्र, यातायात व्यवस्था, झोन, सेक्टर व विभागीय कार्य सहित अन्य सूचनाएं दी जाएगी।