जूना अखाड़े के निशान दिग्विजय भाले की स्थापना
सिंहस्थ में आने वाले अखाड़ों के लाखों साधु संतों का शहर आने का सिलसिला रविवार शाम अखाड़े के रमता पंच से शुरू हो गया। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े का पंच शाम 6 बजे इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी संगम पहुंचा। पंच का स्वागत करने के लिए काशी सुमेरू पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वतीजी, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत नरेंद्रगिरि महाराज अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, अंतराष्ट्रीय सचिव प्रेमगिरि महाराज, श्रीमहंत शंकरभारतीजी, श्रीमहंत रुद्रपुरीजी, श्रीमहंत अशोकगिरिजी, श्रीमहंत संतोषगिरि ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इसके बाद पंच पैदल यात्रा कर शाम 7 बजे नीलगंगा स्थित पड़ाव स्थल पर पहुंचा। दिग्विजय निशान का पूजन कर इसे स्थापित किया गया।
आवाहन अखाड़े का निशान गणेश प्रकाश
अखाड़ों की परंपरा शुरू करने वाला प्रथम अखाड़ा श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े (सरकार अखाड़ा) का रमता पंच ने रविवार शाम मक्सी रोड से नगर में प्रवेश किया। अखाड़े के महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरि महाराज पंच को लेकर सांची दुग्ध संघ पहुंचे। यहां से पंच का कारवां रात 8 बजे नीलगंगा स्थित पड़ाव स्थल में प्रवेश किया। पड़ाव स्थल पर रमतापंच के श्रीमहंत कैलाशपुरी महाराज ने निशान भाला गणेश प्रकाश की स्थापना की। इसके बाद श्रीमहंत ने रमतापंच के श्रीमहंत भोलागिरिजी, श्रीमहंत अवधेशानंद सरस्वती जी, श्रीमहंत इंद्रगिरि जी, सचिव श्रीमहंत रघुवीरपुरीजी, श्रीमहंत रामगिरिजी, श्रीमहंत जय विजयभारती, श्रीमहंत राजेंद्रगिरिजी, अष्टकौशल महंत कर्नाटक पुरि महाराज, अष्टकौशल महंत शंकरपुरिजी, कारोबारी राहुलगिरि जी सहित थानापती, कोठारी आदि का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। श्रीमहंत सत्यगिरि महाराज ने बताया 10 अप्रैल को चैत्र शुक्ल तृतीया के दिन पंच शाही पेशवाई के साथ अखाड़ा छावनी में प्रवेश करेगा। इसके पूर्व 6 मार्च को छावनी स्थल पर धर्मध्वजा का पूजन होगा।