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यहां नजर आएगा साधु-संतों का जलवा, लग्जरी कारों से करते हैं यात्रा

संत देशभर में यात्रा करते हैं। आराम दायक यात्रा के लिए वाहनों में सभी सुविधा होना जरूरी है। इसलिए वे अन्य माध्यम की तुलना में कारों को ज्यादा महत्व देते हैं। कारों पर विशेष रंग और नंबर, साधु-संतों के स्टेटस सिंबल को प्रदर्शित करते हैं। धर्म प्रचार के लिए लगातार यात्रा करना पड़ती है इसलिए तुरंत पहुंचने के लिए कार सबसे सुविधाजनक है।

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simhastha simhastha

Feb 23, 2016

उज्जैन. आधुनिकता के इस युग में धर्म के प्रचार-प्रसार में जुटे साधु-महात्मा भी हाइटेक हो चुके हैं। मोबाइल, लैपटॉप से लेकर हर नई तकनीकी संतों के पास है। उनके वाहनों की बात करें तो यहां भी वे किसी से पीछे नहीं हैं। जितने बड़े संत हैं उनके पास उतनी महंगी कारे
हैं
। 20 से लेकर 50 लाख रुपए तक की लग्जरी कारों में साधु-संत घूमते हैं। ये गाडिय़ां बाबाओं के स्टेटस सिंबल को बताती है तो उनके रुतबे का भी प्रदर्शन करती है। लग्जरी गाडिय़ों के साथ इनके नंबर भी वीआईपी ही देखने को मिलेंगे। बाबाओं का सबसे प्रिय नंबर 1008 है। इसके अलावा इनकी गाडिय़ों पर यूनीक नंबर में डबल सीरीज के अंक देखने को भी अक्सर मिलते हैं।


पजेरो और फाच्र्यूनर में करते हैं यात्रा

अ. भा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्रगिरि महाराज 55 लाख रुपए की दो गाडिय़ों से ही देशभर में यात्रा करते हैं। उनके सफर में दोनों गाडिय़ां हमेशा साथ होती हैं। श्रीमहंत के काफिले में आगे उनकी यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मियों वाली लाल रंग की 20 लाख रुपए की पजेरो चलती है। इसके पीछे श्रीमहंत की 35 लाख रुपए की सफेद रंग की लग्जरी फाच्र्यूनर गाड़ी चलती है। गाड़ी का इंटीरियर भी सफेद रंग का है। श्रीमहंत कहते हैं कि उन्हें लंबा सफर तय करना होता है, इसलिए सुविधायुक्तबड़ी और महंगी गाड़ी रखनी पड़ती है।


हॉक मॉडल से दिखता है अलग प्रभाव

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श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज के पास लाल रंग की कार है। स्कार्पियो के हॉक मॉडल की यह कार 20 लाख रुपए तक की है। वे जब इस कार में सवार होते हैं तो भगवा कपड़े और लाल रंग की कार उन्हें एक अलग ही पहचान देती है। खास बात यह कि उनकी कार का नंबर भी 1009 है। अंतरराष्ट्रीय अखाड़ा कहे जाने वाले जूना अखाड़े में कई गाडिय़ां करोड़ों की कीमत रखती है, जो इस बार सिंहस्थ महापर्व के दौरान देखने को मिलेगी। दत्त अखाड़े में हमेशा ऐसी लग्जरी गाडिय़ां देखी जा सकती हैं।


ज्ञानदास भी
फाच्र्यूनर

निर्वाणी अखाड़े के ज्ञानदास महाराज भी लग्जरी गाड़ी से चलते है। उनके पास फाच्र्यूनर का 35 लाख रुपए का टॉप मॉडल है। इसी सफेद रंग की कार में वे देशभर में यात्रा करते हैं। खुद सफेद वस्त्र धारण करते हैं इसलिए कार भी सफेद ही पसंद करते हैं। ज्ञानदास एक साल में लाखों किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं।

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