उज्जैन.सिंहस्थ महापर्व में अब कुछ ही दिन बाकी है। साधु संतों का शहर आना शुरू हो गया है। ऐसे में मेला क्षेत्र में कई अद्भुत साधु संत देखने को मिल रहे है। कोई साधु रूद्राक्ष की पोशाक पहन शृंगारित रहता है, तो कोई बाबा अपनी लंबी जटाओं को सवारता रहता है।
सवा लाख रुद्राक्ष की पोशाक पहन 46 वर्ष से कर रहे तप
केदारनाथ के घने जंगलों में एकांतवास में पिछले 46 साल से साधना कर रहे अटल अखाड़े के महंत दिगंबर नागा बाबा गोविंद महाराज शनिवार को शहर आए। अखाड़े के भूमिपूजन में शरीर पर सवा लाख रुद्राक्ष की पोशाक पहने नागा बाबा सबके बीच आकर्षण का केंद्र रहे। उन्होंने बताया कि साधना के समय रुद्राक्ष साथ रखते हैं। सभी रुद्राक्ष साधना के समय अभिमंत्रित किए हुए हैं। 12 साल केदारनाथ में बाबा ने बताया वे 12 साल केदारनाथ स्थित आश्रम में साधना में लीन रहते हैं। जब सिंहस्थ आता है तो अपने अखाड़े में चले आते हैं।
बाबा से भी लंबी उनकी जटाएं 30 साल से कैंची नहीं लगाई
सिंहस्थ के लिए साहरनपुर जंगलीबाबा आश्रम से महंत रमेशगिरि नागा बाबा शहर आए हुए हैं। रमेशगिरि महाराज की जटाएं हर किसी को अचरज में डाल सकती है। उनकी जटाएं उनके कद से भी लंबी है। महाराज के अनुसार जटा की लंबाई कभी नापी तो नहीं, लेकिन अनुमानत 6 फीट से अधिक है। बाबा ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पूर्व उनका मुंडन संस्कार हुआ था। इसके बाद से कभी कैंची या उस्तरा नहीं लगाया। 12 साल भभूत चढ़ाई 12 वर्ष तक लगातार बालों में भभूत चढ़ाई। उनका यह भी कहना है कि जटाएं साधु का शृंगार होती है और इन्हें संभालने में उन्हें कभी कोई परेशानी महसूस नहीं होती।