उज्जैन से आए कलाकार सरफराज ने बताया कि सिंहस्थ के लिए उन्हें जो प्रिंट तैयार करना है, वह बिल्कुल अलग ढंग से तैयार किया जाता है। नारियल की रस्सी, पतंग के मांझे से साइकिल की ताड़ी पर कलम तैयार की जाती है। फिर कपड़े को रेत पर बिछाकर उस पर प्रिंट किया जाता है। इसी प्रोसेस से सिंहस्थ में आने वाले साधुओं, श्रद्धालुओं के लिए हिंदू धार्मिक चिह्न वाले गमछे, बैग, बेड शीट्स, कुर्ते, दुपट्टे और पर्दे तैयार किए जा रहे हैं।