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फुलों की खेती से कमा रहे मुनाफा, रोजाना दो क्विंटल कोटा भेज रहे

मन में कुछ अलग करने का जज्बा हो और मेहनत करे तो हर काम आसान हो जाता है। कस्बे के पावर हाऊस के रास्ते पर स्थित उमाशंकर सैनी अपने खेत में पहले गेहूं और सरसों की फसल करता था, लेकिन ज्यादा उत्पादन नहीं निकल पाता था।

बूंदीApr 29, 2024 / 05:34 pm

पंकज जोशी

फुलों की खेती से कमा रहे मुनाफा, रोजाना दो क्विंटल कोटा भेज रहे

नोताडा.एक खेत में लदी गेंदे व हजारे के फुलों की खेती।

नोताडा. मन में कुछ अलग करने का जज्बा हो और मेहनत करे तो हर काम आसान हो जाता है। कस्बे के पावर हाऊस के रास्ते पर स्थित उमाशंकर सैनी अपने खेत में पहले गेहूं और सरसों की फसल करता था, लेकिन ज्यादा उत्पादन नहीं निकल पाता था।
उमाशंकर ने अपना विचार बदला और खेत में फुलों की खेती करने का विचार बनाया और आज फुलों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहें हैं। उमाशंकर ने बताया कि वर्तमान में उसने दस बीघा जमीन के अंदर फुलों की खेती कर रखी है, जिसमें हज्यारा, गेंदी, गोटी, किस्म के पौधे लगा रखे है। दस बीघा खेत से रोजाना डेढ़ -दो क्विंटल फुलोंं की रोजाना मजदूरों से तुड़वाई करवाई जा रही हैं। सैनी रोजाना फुलों को कोटा ले जाकर 30-40 रुपए प्रति किलो के भाव से बेच रहे है, जिससे अच्छा मुनाफा मिल रहा है। फुल तुड़ाई के लिए यहां तीन चार व्यक्तियों को भी रोजगार मिल रहा है।
लोगों को मिल रहा रोजगार
सैनी ने बताया की फुलों की खेती करने से परिवार के लोगों सहित गांव के चार व्यक्तियों को भी रोजगार मिल रहा है। खेत में फुल तुड़वाई के लिए रोजाना चार मजदूर लगे हुए हैं इसी के साथ ही फुलों को लेकर कोटा जाता हूं। वहां पर उसके पुत्रों ने फुल मालाओं की दुकानें लगा रखी है। इन फुलों से दुकानों पर रोजाना माला बनाकर बिक्री भी की जा रही है।
इस तरीके से होती है फुलों की खेती तैयार
किसान उमाशंकर ने बताया की फुलों की खेती करते हुए तीन वर्ष हो गए हैं, जिससे अच्छी आमदनी भी हो रही है। फुलों की खेती करने के लिए खेत में पांच गुणा चार की क्यारियां बनाई गई हैं, जिनमें अलग-अलग किस्म का बीज बोया जाता है तथा इस पर गर्मी का मौसम हो तो गीला कपड़ा या बोरी पानी में भीगों कर डाल देते हैं तथा उस पर बार-बार पानी का छिडक़ाव करते रहते हैं ताकी सूखे नहीं। पौध बाहर निकलने पर हटा देते हैं। करीब माह भर में फुलों की पौध तैयार हो जाती है, जिसके बाद खेत में करीब तीन-तीन फीट के अंतर में पौधे लगा दिए जाते हैं। दो माह बाद पौधे फुल देने लग जाते हैं। इनमें मुहारे व कीड़े लग जाते हैं तो उनसे बचाव के लिए हर पन्द्रह-बीस दिन में दवा का स्प्रे भी करना पड़ता है।

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