चौगान स्टेडियम में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग नि:शुल्क दी जा रही है। यहां सुबह 6 बजे से लेकर 8.30 बजे तक क्लास लगती है, वहीं शाम 5 बजे से लेकर 7.30 बजे तक नियमित क्लास लग रही है। वैसे तो यहां सालभर बच्चे मार्शल आर्ट का ट्रेनिंग लेते हैं, लेकिन गर्मियों की छुट्टियों ट्रेनिंग लेने वालों की संख्या बढ़ जाती हैं
चौगान स्टेडियम में वुशु कोच राजेश कुमार टेलर ने बताया कि चौगान स्टेडियम में मार्शल आर्ट सीखने के लिए करीब 200 बच्चियां आ रही है। यहां सालभर ही बच्चों व बच्चियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाती है। पेरेंट्स अपनी बच्चियों को वुशु व ताइक्वांडो सिखाना अधिक पसंद करते हैं। ताइक्वांडो कोच साबिर खान ने बताया कि यहां शहर के हर कोने से बच्चियां मार्शल आर्ट सीखने आ रही है। परकोटे के साथ यहां पर सांगानेर, मुहाना, धानक्या, वीकेआई, आगरा रोड, आमेर, वीकेआई के साथ बस्सी और आसपास के गांवों से भी बच्चियां मार्शल आर्ट सीखने आ रही हैं।
सेल्फ डिफेंस और फिजिकल फिटनेस के साथ स्पोर्ट्स में कॅरियर बनाने के लिए पेरेंट्स अपने बच्चों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिला रहे हैं। हर पेरेंट्स बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है, ऐसे में उन्हें आत्म रक्षा की ट्रेनिंग दिला रहे हैं। वहीं कॉलेज व यूनिवर्सिटी में प्रवेश में भी उन्हें छूट मिलती है।
– लक्ष्मीकांत शर्मा, कोषाध्यक्ष, राजस्थान स्टेट बॉल बैडमिंटन संघ