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लड़कों से आगे लड़कियां… सीख रहीं आत्मरक्षा के गुर

बच्चियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है।

जयपुरJun 09, 2024 / 06:51 pm

Girraj Sharma

जयपुर। पेरेंट्स अब गल्र्स सेफ्टी को लेकर जागरूक होने लगे हैं। बच्चियों को आत्मरक्षा का गुर सिखाने में रुचि दिखा रहे हैं। इसके लिए उन्हें मार्शल आर्ट सिखा रहे हैं। शहर में कई जगहों पर बच्चियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। शहर के चौगान स्टेडियम में ही करीब 200 बच्चियां एक साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण ले रही है। खासबात यह है कि लड़कियां मार्शल आर्ट सीखने में लड़कों से आगे है।
मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देने वालों की मानें तो दिनों—दिन मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। पेरेंट्स बच्चों के हुनर को बढ़ावा देने के साथ उन्हें आत्मरक्षा के लेकर भी चिंतित है, इसके लिए उन्हें मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिला रहे हैं। मार्शल आर्ट में भी वुशु और ताइक्वांडो अधिक सीख रहे हैं। इसके साथ ही बच्चे कराटे और किक बॉक्सिंग की भी ट्रेनिंग ले रहे हैं। मार्शल आर्ट सीखने में 7 साल से लेकर 25 साल तक युवा शामिल है। इनमें लड़कों के साथ लड़कियां भी बड़ी संख्या में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही है।
नि:शुल्क दी जा रही ट्रेनिंग
चौगान स्टेडियम में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग नि:शुल्क दी जा रही है। यहां सुबह 6 बजे से लेकर 8.30 बजे तक क्लास लगती है, वहीं शाम 5 बजे से लेकर 7.30 बजे तक नियमित क्लास लग रही है। वैसे तो यहां सालभर बच्चे मार्शल आर्ट का ट्रेनिंग लेते हैं, लेकिन गर्मियों की छुट्टियों ट्रेनिंग लेने वालों की संख्या बढ़ जाती हैं
दूर-दूर से आ रहीं बच्चियां
चौगान स्टेडियम में वुशु कोच राजेश कुमार टेलर ने बताया कि चौगान स्टेडियम में मार्शल आर्ट सीखने के लिए करीब 200 बच्चियां आ रही है। यहां सालभर ही बच्चों व बच्चियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाती है। पेरेंट्स अपनी बच्चियों को वुशु व ताइक्वांडो सिखाना अधिक पसंद करते हैं। ताइक्वांडो कोच साबिर खान ने बताया कि यहां शहर के हर कोने से बच्चियां मार्शल आर्ट सीखने आ रही है। परकोटे के साथ यहां पर सांगानेर, मुहाना, धानक्या, वीकेआई, आगरा रोड, आमेर, वीकेआई के साथ बस्सी और आसपास के गांवों से भी बच्चियां मार्शल आर्ट सीखने आ रही हैं।
स्पोर्ट्स में कॅरियर
सेल्फ डिफेंस और फिजिकल फिटनेस के साथ स्पोर्ट्स में कॅरियर बनाने के लिए पेरेंट्स अपने बच्चों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिला रहे हैं। हर पेरेंट्स बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है, ऐसे में उन्हें आत्म रक्षा की ट्रेनिंग दिला रहे हैं। वहीं कॉलेज व यूनिवर्सिटी में प्रवेश में भी उन्हें छूट मिलती है।
– लक्ष्मीकांत शर्मा, कोषाध्यक्ष, राजस्थान स्टेट बॉल बैडमिंटन संघ

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