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उच्च शिक्षा में बराबरी की ओर ‘आधी आबादी’, 48.7% भागीदारी

2020-21 के दौरान पहली बार ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और अन्य स्तरों पर महिलाओं का नामांकन दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गया।

जयपुरApr 17, 2023 / 11:29 am

Kiran Kaur

उच्च शिक्षा में बराबरी की ओर 'आधी आबादी', 48.7% भागीदारी

उच्च शिक्षा में बराबरी की ओर ‘आधी आबादी’, 48.7% भागीदारी

नई दिल्ली। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत की तस्वीर बदली है। पिछले कुछ वर्षों में छात्रों और छात्राओं के नामांकन बढऩे के साथ-साथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2020-21 के दौरान पहली बार ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और अन्य स्तरों पर महिलाओं का नामांकन दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। देश में विशेष रूप से महिलाओं के लिए चलाए जा रहे विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 17 हुई है। जबकि 2014-15 में ऐसी यूनिवर्सिटी की संख्या 11 थी।

बीए और बीएससी में एडमिशन ले रहीं ज्यादा:
देश में उच्च शिक्षा में 100 पुरुषों पर दाखिला लेने वाली महिलाओं की तादाद 95 है, जबकि 2016-17 में यह आंकड़ा 88 था। ग्रेजुएशन स्तर पर सबसे ज्यादा एडमिशन बीए में होते हैं। उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआइएसएचइ) रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 के दौरान बीए में एडमिशन लेने वालों में महिलाओं का प्रतिशत 52 और पुरुषों का 48 था। बीए (ऑनर्स), बीएससी और बीएड में भी आधी आबादी की तादाद अधिक थी। लेकिन बीकॉम, बीटेक और इंजीनियरिंग में महिलाओं का प्रतिशत 48.5, 28.7 और 28.5 क्रमश: ही रहा।
पोस्ट ग्रेजुएशन में पुरुषों से अधिक महिलाएं :

ग्रेजुएशन, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, इंटीग्रेटेड कोर्स और पीएचडी, उच्च शिक्षा के इन विभिन्न स्तरों पर नामांकन करने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक है। लेकिन पोस्ट ग्रेजुएट और एमफिल स्तर पर बदलाव हुआ है। 2020-21 के दौरान पोस्ट ग्रेजुएशन के कुल नामांकनों में महिलाओं की हिस्सेदारी 56.45 फीसदी और एमफिल में 62.10 प्रतिशत थी। महिलाओं के अधिक नामांकन वाले प्रमुख राज्य केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तराखंड, तेलंगाना और तमिलनाडु हैं। उच्च शिक्षा के स्तर पर महिला और पुरुष नामांकन के बीच उच्चतम अंतर केरल में है।
कॉलेजों तक आसान पहुंच से बदले हालात:

राज्य सरकारों के अधीन यूनिवर्सिटी में 100 पुरुषों पर 108 महिलाएं हैं। 2016-17 के बाद से इन विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले 100 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या भी इतनी ही बनी हुई थी लेकिन 2020-21 में आठ अंकों की वृद्धि हो गई। कॉलेज और विश्वविद्यालयों तक महिलाओं की पहुंच आसान होने से उन्होंने उच्च शिक्षा में लगातार प्रगति की है। वे हर साल अधिक संख्या में प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिला ले रही हैं। शिक्षा में यह बदलाव कार्यस्थलों पर महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने में योगदान देगा और अन्य क्षेत्रों में भी लैंगिक असमानता को घटाएगा।
उच्च शिक्षा के सभी स्तरों पर कुल नामांकन
वर्ष पुरुष(%) महिलाएं(%)

100 पुरुषों पर महिलाएं

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