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जयपुर

Late Sunder Singh Bhandari : नींद में ही आ गई थी मौत, पुण्यतिथि पर जाने भंडारी का राजस्थान से ख़ास नाता

स्व. सुन्दर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि आज, भाजपा के वरिष्ठ नेता व जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे भंडारी, प्रदेश भर में हो रहे कई कार्यक्रम, भाजपा कार्यकर्ता दे रहे श्रद्धांजली, प्रदेश भाजपा मुख्यालय में लगाई गई है चित्र प्रदर्शनी
 

जयपुरJun 22, 2021 / 02:30 pm

Nakul Devarshi

Jansangh, RSS, BJP leader Sunder Singh Bhandari rajasthan connection

जयपुर।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक स्वर्गीय सुन्दर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि आज सादगी और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिये भाजपा कार्यकर्ता स्वर्गीय भंडारी को श्रद्धांजली देते हुए उन्हें याद कर रहे हैं। गौरतलब है कि स्वर्गीय भंडारी के स्मृति दिवस को प्रदेशभर में जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। भंडारी का निधन आज ही के दिन 22 जून 2005 को हुआ था।


कहीं व्याख्यान तो कहीं सेवा कार्य
प्रदेश भाजपा की ओर से स्वर्गीय सुन्दर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर विभिन्न ज़िलों में व्याख्यान, पौधरोपण, श्रमदान, रक्तदान शिविर सहित अन्य सेवा कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर इन सभी गतिविधियों में भाजपा कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर शामिल हो रहे हैं।


भाजपा मुख्यालय में लगी प्रदर्शनी
प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर स्वर्गीय भंडारी की स्मृति में प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें तस्वीरों के माध्यम से भंडारी के जीवन को दिखाया गया है। प्रदर्शनी का उदघाटन कल प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने किया था।

 

नींद में आई थी मृत्यु
संघ, जनसंघ और फिर भाजपा को अपने संगठन कौशल से सींचने वाले सुंदर सिंह भंडारी का निधन नींद में हृदय गति रुक जाने की वजह से हुआ था। 84 वर्ष की आयु में 22 जून, 2005 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी।

 

राजस्थान से रहा ख़ास जुड़ाव
– सुन्दर सिंह भंडारी का जन्म 12 अप्रैल 1921 को उदयपुर में प्रसिद्द चिकित्सक डॉ. सुजान सिंह के घर पर हुआ था।
– 1942 में अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद मेवाड़ कोर्ट में वकालात की।
– 1946 में आरएसएस के प्रचारक बनने के बाद उन्हें सबसे पहले जोधपुर विभाग का काम दिया गया।
– 1948 के प्रतिबंध काल के दौरान भूमिगत रहते हुए भंडारी ने जोधपुर और बीकानेर के साथ-साथ शेखावाटी क्षेत्र में सत्याग्रह का संचालन किया।
– शुरुआत में वे राजस्थान में जनसंघ के संगठन मन्त्री रहे। उन्ही के प्रयास से 1952 के चुनाव में राजस्थान से जनसंघ के आठ विधायक जीते।
– 1966 से 1972 तक वे राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रहे। आपातकाल के विरुद्ध हुए संघर्ष के दौरान उन्हें जेल हुई। जेल से ही वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।
– दो बार उन्हें राजस्थान से राज्यसभा में भेजा गया। तीसरी बार उन्होंने यह कहकर मनाकर दिया कि अब किसी अन्य कार्यकर्ता को अवसर मिलना चाहिए।

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