मोबाइल धारकों को अच्छा नेटवर्क देने के लिए नेटवर्क प्रदाता कंपनियां मानकों की अवहेलना कर रही हैं। नतीजतन शहर की गली मोहल्लों से लेकर घनी बस्तियों में बहुमंजिला इमारतों से लेकर घर की छतों पर भी मोबाइल टॉवर लग चुके हैं। इन मोबाइल टॉवरों को लेकर लोगों को डर है कि कहीं बीमारी के शिकार न हो जाएं। इससे डर कर लोग शिकायत भी कर रहे हैं। इससे लगता है कि प्रशासन को मोबाइल टॉवर से होने वाली बीमारियों के लोगों को शिकायत होने का बेसब्री से इंतजार है। मोबाइल टॉवर लगाने के लिए निर्धारित गाइड लाइन की सबसे पहली शर्त है कि किसी भी घनी बस्ती में मोबाइल टॉवर नहीं लगाया जा सकता। क्योंकि इससे न सिर्फ लोगों को रेडियशन का खतरा है बल्कि आंधी तूफान के दौरान टॉवर गिरने से ज्यादा क्षति होगी। लेकिन इस नियम को दरकिनार कर शहरी इलाके में आधा सैकड़ा के लगभग टॉवर लगे हुए हैं।
टेलीकॉम कंपनियों ने अभी तक नहीं भरा टैक्स आवासी भूखंडों पर लगे मोबाइल टॉवरों को टैक्स से कमर्सियल टैक्स वसूला जाता है। जिसका एक मुश्त भुगतान टेलीकॉम कंपनियों को करना होता है। टैक्स जमा नहीं होने पर विभाग ने इन कंपिनयों को नोटिस भी जारी किए थे। लेकिन इसके बावजूद अभी तक इन कंपिनयों द्वारा कोई टैक्स जमा नहीं करया है।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स हैं खतरनाक मोबाइल टावर से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक वेव्स कैंसर का कारण बनती हैं। इस रेडिएशन से इंसान ही नहीं जानवरों पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि जिस एरिया में मोबाइल टावरों की संख्या अधिक होती है वहां पक्षियों की संख्या कम हो जाती है। ग्रामीण अंचल में इसी वजह से मधुमक्खियों की संख्या कम हो गई हैं।किस एरिया में नुकसान सबसे ज्यादा
एक्सपर्ट की मानें तो मोबाइल टावर के 300 मीटर एरिया में सबसे ज्यादा रेडिएशन होता है। एंटीना के सामने वाले हिस्से में सबसे ज्यादा तरंगें निकलती हैं। मोबाइल टावर से होने वाले नुकसान में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि घर, टावर पर लगे एंटीना के सामने है या पीछे। टावर के एक मीटर के एरिया में 100 गुना ज्यादा रेडिएशन होता है। टावर पर जितने ज्यादा एंटीना लगे होंगे, रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा।
घरों पर टॉवर लगाने के ये हैं नियम- छतों पर सिर्फ एक एंटीना वाला टावर ही लग सकता है। – पांच मीटर से कम चौड़ी गलियों में टावर नहीं लगेगा।- टावर पर लगे एंटीना के सामने 20 मीटर तक कोई घर नहीं होगा।
– टावर घनी आबादी से दूर होना चाहिए।- जिस जगह पर टावर लगाया जाता है, वह प्लाट खाली होना चाहिए। उससे निकलने वाली रेडिएशन की रेंज कम होनी चाहिए। – कम आबादी में जिस बिल्डिंग पर टावर लगाया जाता है वह कम से कम पांच-छह मंजिला होनी चाहिए।- दो एंटीना वाले टॉवर के सामने घर की दूरी 35 और बारह एंटीना वाले की 75 मीटर जरूरी हैशहर में लगे मोबाइल टॉवर की ठीक-ठीक संख्या का अभी मुझे पता नहीं है। मोबाइल टॉवरों से फैलने वाली बीमारियों की बात सिर्फ भ्रांतियां हैं। इसको लेकर अन्य जानकारी पता करते है।
– अशोक कुमार शर्मा, आयुक्त नगर परिषद धौलपुर मोबाइल टॉवरों से निकलने वाला रेडिएशन इंसानों के लिए खतरनाक होता है। खासकर बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लिए टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर तक होने का खतरा रहता है।- डॉ. दीपक जिंदल, वरिष्ठ फिजीशियन जिला अस्पताल धौलपुर।