2.9 किमी लंबी यह सुरंग पिछले साल शुरू हुई नई लाइट रेल लाइन के समानांतर बनाई गई है। इसे पार करने में साइकिल सवार को 10 मिनट और पैदल चलने वालों को 45 मिनट का समय लगेगा।
ओस्लो। साइक्लिंग या पैदल चलने के लिए दुनिया की सबसे लंबी टनल जल्द ही नॉर्वे में शुरू होने वाली है। 'फिलिंग्सडलस्टनलेन' नाम की इस टनल की शुरुआत अप्रेल के दूसरे सप्ताह में होगी। नॉर्वे के बर्गन में लोवस्टकन पर्वत को काटकर बनाई गई सुरंग फिलिंग्सडलेन और मिंडेमिरेन के आवासीय क्षेत्रों को जोड़ती है। 2.9 किमी लंबी यह सुरंग पिछले साल शुरू हुई नई लाइट रेल लाइन के समानांतर बनाई गई है। इसे पार करने में साइकिल सवार को 10 मिनट और पैदल चलने वालों को 45 मिनट का समय लगेगा।
सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं सैकड़ों कैमरे: इस मार्ग को बनाने का उद्देश्य था कि टनल का सफर साइकिल और पैदल चलने वाले लोगों के लिए सुरक्षित, रोचक और दिलचस्प हो। सुरंग के भीतर सुरक्षा के लिए 100 से ज्यादा कैमरे लगे हैं। कार-फ्री इस टनल में यात्रियों को बोरियत न हो इसके लिए पेंटिंग्स और म्यूरल्स के अलावा स्कल्पचर भी लगाए गए हैं। कई तरह की रंग-बिरंगी लाइट्स से सुरंग को रोशन किया गया है। यात्रियों के आराम को ध्यान में रखते हुए कुछ स्टॉप भी बनाए गए हैं।
एस्केप टनल को लिया सार्वजनिक उपयोग में : सुरंग को सात डिग्री सेल्सियस के स्थिर तापमान पर रखा जाएगा, जिससे यह सर्दियों में भी लोगों के लिए उपयोगी मार्ग बन सके। औपचारिक रूप से खुलने के बाद सुरंग रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे से देर रात तक खुलेगी। मूल रूप से यह ट्राम के लिए एक एस्केप टनल (आपात स्थिति में बचाव और बहाली कार्यों को सुगम बनाने के लिए बनाई गई सुरंग) थी। बाद में लोगों की सेहत व पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इसे साइकिल और पैदल यात्रियों के लिए तैयार किया गया जिसमें तीन अरब 86 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आया।
टिकाऊ परिवहन प्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि 'फिलिंग्सडालस्टनलेन' टनल लोगों को प्रदूषण और ट्रेफिक को कम करने के लिए साइकिल चलाने या पैदल चलने के लिए प्रेरित करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरंग का निर्माण हरित भविष्य और अधिक टिकाऊ परिवहन प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नॉर्वे 2030 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करना चाहता है इसलिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए यहां प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
सुरंग के भीतर