विभागीय दल के डॉ. राजन गोकलानी और औषधि निरीक्षक रामपाल आदि ने जांच शुरू की। जांच करने गए डॉ. गोकलानी ने बताया कि मौके पर हॉस्पिटल के डॉ. धर्मेंद्र ज्याणी से डिग्री के बारे में पूछताछ की गई। चिकित्सक ने मौके पर अपनी योग्यता से संबंधित प्रमाण पेश किए। चिकित्सक की एमबीबीएस और एमडी मनोविज्ञान की डिग्री उचित पाई गई।
इन बिंदुओं पर घेरा
इसके साथ ही विभागीय दल ने चिकित्सालय में आ रही दवाओं की भी जांच की। औषधि निरीक्षक रामपाल के नेतृत्व में गए दल ने मौके पर दस्तावेज खंगाले तथा दवाओं की जानकारी ली। दल में शामिल कर्मचारियों के अनुसार मौके पर जो दवाएं मिली हैं, इनमें बड़ी मात्रा में नशा है लेकिन इसके बावजूद मनोविज्ञान की डिग्री रखने वाले चिकित्सक को इन दवाओं को रोगियों को देने की अनुमति है। हालांकि, इस बिंदु पर जांच की जा रही है, कि जो दवाएं आई इसका उपयोग कहां किया गया। विभागीय दल के अनुसार इन दवाओं के उपयोग का मौके पर रिकॉर्ड संधारित नहीं मिला। विभाग की ओर से संबंधित को रिकॉर्ड संधारित कर प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया जाएगा। ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी।
और ये बेखबर
जहां एक ओर विभागीय दल दिन में कार्रवाई में जुटा था वहीं जिस अधिकारी को शिकायत की गई वह स्वयं को मामले से अनजान ही बताते रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मामले की शिकायत हुई थी, और जब इस बारे में सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल से जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि उन्हें घटनाक्रम की जानकारी ही नहीं है। वहीं, दूसरी ओर उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय सिंगला भी केवल संबंधित कर्मियों के मोबाइल नंबर ही दे पाए।