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श्री गंगानगर

जापे से पहले ही ‘जापे’ सा दर्द

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श्री गंगानगरFeb 20, 2019 / 02:40 pm

Krishan chauhan

 District Hospital

जापे से पहले ही ‘जापे’ सा दर्द

जापे से पहले ही ‘जापे’ सा दर्द

-कम नहीं हो पा रहा लैबर रूम का पैन
-जिला चिकित्सालय में 24 घंटे रहना चाहिए डॉक्टर

श्रीगंगानगर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पीएचसी, सीएचसी और जिला चिकित्सालय के लैबर रूम में गुणवत्तापूर्ण सुविधा की बातें कर रहा है। जबकि, सच्चाई कुछ और ही है। गर्भवती महिला को बैड तक नहीं मिलता। समय पर जांच नहीं होती। रक्ताल्पता पर जांच के लिए परेशानी झेलनी पड़ती है। नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सक पर काम का दबाव रहता है। वे सही व्यवहार नहीं करते। प्रसव के बाद ‘बधाई’ के नाम पर खुलेआम रुपए लिए जाते हैं। इस प्रकार के मामले पहले सामने आ चुके हैं। अधिकतर प्रसव नर्सिंग स्टाफ के हाथों होते हैं। जिला कलक्टर ने कुछ दिन पहले पीएमओ को लैबर रूम में राउंड द क्लॉक डॉक्टर की व्यवस्था के आदेश दिए थे लेकिन इसकी पालना अभी तक तो नहीं हुई।
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सिर्फ आदेश और पाबंद
जिले में संचालित 101 प्रसव कक्षों में व्यापक सुधार और गुणवत्तापूर्ण सुविधा के लिए सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल ने अहम कदम उठाने के लिए कहा था। बीसीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के चारों जिला अधिकारियों को सघनता से निरीक्षण के लिए पाबंद किया था। निरीक्षण की तथ्यात्मक रिपोर्ट देने और खामियां मिलने पर कार्रवाई की बात भी कही गई थी।
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फरमान यह भी

प्रसव कक्ष में उपहार या नकद लेन-देन आदि की शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी। प्रसव कक्ष में क्या करें, क्या नहीं करें आदि पर निर्धारित प्रारूप के तहत निरीक्षण अधिकारी रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंपेंगे। आगामी सात दिन में सभी प्रसव कक्षों का निरीक्षण कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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ऊपर से मिले ये निर्देश

सीएमएचओ डॉ.बंसल ने बताया कि इस संबंध में राज्यस्तर से निर्देश मिले हैं। इनके मुताबिक प्रसव केंद्रों पर उपयोग में ली जा रही टेबल टूटी या जंग नहीं लगी हो। नवजात शिशु के लिए क्रियाशील रेडियंट वार्मर, ऑक्सीटोसिन जैसे इंजेक्शन और दवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
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नहीं होती आदेशों की पालना

प्रसव कक्ष में एवं उसके बाहर नजदीकी एफआरयू संस्था का नाम, चिकित्सा प्रभारी का नाम व एम्बुंलेंस ड्राइवर का नाम व नंबर हो ताकि आपात स्थिति में उन्हें सूचित किया जा सके। इन सब आदेशों के बावजूद अधिकतर अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं व उनके परिजन को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।

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