इस बीच पंचायत सहायक संगठर्न का कहना है कि शिक्षा विभाग प्रारभिंक ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को देखते हुए एक आदेश जारी किया था, इसमें बताया गया था कि 10 मई से लेकर 19 जून 2018 तक पंचायत सहायक पंचायत के कार्यों में सहयोग करेंगे, इन आदेशों की पालना करते हुए सभी पंचायत सहायक पंचायत में कार्य हेतु कार्यमुक्त हुए 20 जून को वापिस आदेशानुसार विद्यालय खुलने पर दोबारा विद्यालय में पंचायत सहायकों ने अपना कार्यभार संभाल लिया। लेकिन दस दिन बाद अब जिला परिषद सीईओ ने ने एक आदेश जारी किया है जिसमें पंचायत सहायक का मुख्यालय पंचायत में रहेगा। एक ही कार्मिक को अलग अलग डयूटी देने के लिए आदेशों ने फुटबॉल बना दिया है।
हाईकोर्ट में याचिका पर लिया निर्णय
यह सही है कि इन ग्राम पंचायत सहायकों को स्कूलों में डयूटी करने के लिए शिक्षा विभाग ने आदेश दिया था लेकिन हाईकोर्ट में दायर याचिका में पंचायत सहायकों से काम कराने के लिए पंचायत मुख्यालयों पर डयूटी करने की बात कही है। ऐसे में संबंधित याचिका का निस्तारण नहीं होने तक इन पंचायत सहायकों को पंचायतों पर डयूटी करने के आदेश किए है।
– चिन्मयी गोपाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद।
छह माह बाद कैसे आई याद
यह सही है कि हाईकोर्ट में हनुमानगढ़ सरपंचों ने एक याचिका हाईकोर्ट में लगाई हुई है। लेकिन इसका निस्तारण होने से पहले स्कूलों की बजाय पंचायतों में लगाने के आदेश किसके दवाब में किए है, यह बताने के लिए जिला परिषद प्रशासन ने अपना स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है। महज हाईकोर्ट में जाने से पूरी व्यवस्था को दरकिनार नहीं किया जा सकता।
– सुनील बिश्नोई, जिलाध्यक्ष पंचायत सहायक संगठन