मंडी में होती रहती है वीआइपी की जनसभाएं
नई धानमंडी ब श्रेणी होने के बावजूद सार्वजनिक सुलभ शौचालय उपलब्ध नहीं है। जबकि मंडी में राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से लेकर कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की जनसभाएं नई धानमंडी के शैड व खुले में हो चुकी है। जनसभाओं के दौरान नगरपालिका की ओर से अस्थाई शौचालय की व्यवस्था की जाती है। मंडी के व्यापारियों का कहना है कि सबसे बड़ी मंडी होने के बावजूद सुलभ शौचालय के लिए संबंधित विभाग ध्यान नहीं दे रहा। इसके लिए कई बार मण्डी समिति व प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
दो विभागों के फेर में नई धानमंडी
नई धानमंडी नगरपालिका के अधीन है। दुकान की रजिस्ट्री आदि कार्य नगरपालिका से करवाना पड़ता है। जबकि नई धानमंडी की व्यवस्था की जिम्मेदारी कृषि उपज मंडी समिति पर है। ऐसे दुकानदारों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों का कहना था कि अगर कोई व्यक्तिगत रूप से सुलभ कॉम्प्लेक्स बना दे तो उसे दोनों विभागों के नियमों में उलझना पड़ता है। ऐसे में दुकानदारों के सामने भी शौच की समस्या हो रही है। दुकानदारों ने भी नई धानमंडी में सुलभ शौचालय का पुन: निर्माण की मांग की है।
सुलभ कॉम्प्लेक्स का हो पुन: निर्माण
व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय सोनी,सचिव मनोज सोमानी, पूर्व अध्यक्ष दर्शन भगत परनामी, व्यापारी ओम चौपड़ा, सुरेन्द्र चौपड़ा आदि का कहना है कि धानमंडी में किसानों व मजदूरों के लिए सुलभ कॉम्प्लेक्स बनाया गया था, लेकिन सार संभाल के अभाव में यह जर्जरावस्था में पहुंच गया। सुलभ कॉम्प्लेक्स का दोबारा निर्माण करवाया जाए। वही, कृषि उपज मंडी समिति सचिव सुरेन्द्र खोथ ने बताया कि मंडी में सुलभ कॉम्प्लेक्स जर्जरावस्था में है। यह सबसे बड़ी समस्या है। लोकसभा चुनाव के बाद इस समस्या का समाधान करवाया जाएगा।