
श्रीगंगानगर.
विनोबा बस्ती दुर्गा मंदिर के पास मोटरसाइकिल सवार दो युवक एक महिला से उसके हाथ में पकड़ा हुआ बैग झपटते हैं। महिला शोर मचाती है। कुछ लोग महिला के पास आकर पूछताछ करते हैं। जब तक उन लोगों को पूरी कहानी का पता चलता है तब तक मोटरसाइकिल सवार युवक आदर्श नगर पार्क के साथ वाली सड़क से होते हुए ट्रक यूनियन पुलिया तक पहुंच जाते हैं।
यह पूरा नजारा रमेश चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मल्टीपर्पज स्कूल में बने कमांड कंट्रोल रूम में लगी कई टीवी स्क्रीनों में से एक पर दिखाई देता है तो वहां बैठे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हरकत में आ जाते हैं।
महिला से पर्स झपटने वाले युवक तब तक उदाराम चौक होते हुए श्याम नगर में प्रवेश कर चुके हैं। अलग-अलग स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से उनकी लाइव तस्वीरें कमांड कंट्रोल रूम में लगी टीवी स्क्रीन तक पहुंच रही हैं। जब यह युवक ट्रक यूनियन पुलिया पर थे, तभी कमांड कंट्रोल रूम पुरानी आबादी थाने के साथ-साथ पीसीआर को घटना की जानकारी देकर युवकों का पीछा करने का निर्देश देता है। पुलिस के दोनों वाहनों को कमांड कंट्रोल रूम से युवकों की लोकेशन की जानकारी लगातार मिलती है। आखिर युवक एक घर के आगे रुकते हैं। मोटरसाइकिल बाहर खड़ा कर वे भीतर चले जाते हैं।
पांच मिनट बाद ही पुलिस की दो गाडिय़ां उस घर के आगे रुकती हंै। पुलिस कर्मी घर में प्रवेश करते हैं और जब बाहर आते हैं तो वही दो युवक उनकी गिरफ्त मेंं होते हैं, जिन्होंने विनोबा बस्ती दुर्गा मंदिर के पास एक महिला के हाथ से पर्स झपटा था। वारदात के बाद युवकों को पकडऩे में पुलिस को मात्र 25 मिनट लगे।
बन रही है योजना
अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस कुछ ऐसी ही योजना के क्रियान्वयन पर विचार कर रही है। महिलाओं से पर्स और उनके गले या कानों में पहने हुए आभूषण झपटने की लगातार हो रही घटनाओं के साथ-साथ, चोरी, लूटपाट सहित अन्य आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने और अपराधियों को घटना के तुरंत बाद दबोचने के लिए शहर में सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क स्थापित करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इस योजना में दो सौ सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे शहर को कवर किया जाएगा। इन कैमरों को कमांड कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।
कहां होगा सीसीआर
सीसीआर अर्थात कमाण्ड कंट्रोल रूम निर्माण के लिए मल्टीपर्पज स्कूल में जगह देखी गई है। पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में जिला कलक्टर से भी बातचीत की है। जगह चूंकि शिक्षा विभाग की है, इसलिए इसे पुलिस विभाग को स्थानांतरित करना होगा। मामला दो सरकारी विभागों के बीच का है, सो इस काम में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क कमाण्ड कंट्रोल रूम से ही संचालित होगा। शहर में कोई भी घटना होने पर कमांड कंट्रोल रूम ही संबंधित थाने को इसकी सूचना देगा और फिर अपराधियों का पीछा करने में भी पुलिस की सहायता करेगा। वारदात के बाद अपराधी शहर से बाहर जाते हैं तो कमाण्ड कंट्रोल रूम इसकी जानकारी भी दे देगा कि अपराधी शहर से बाहर किस मार्ग से गए हैं।
पुराना नेटवर्क फेल
अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए शहर में पहले भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनकी संख्या 28 थी। वर्तमान में इनका नेटवर्क काम नहीं कर रहा। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी कैमरों का रिसीवर खराब हो चुका है। अब इसे दुरुस्त करवाया जाता है तो उस पर उतना ही खर्च आ जाएगा जितना नया रिसीवर खरीदने पर आएगा। ऑडिट पैरा लगने से अधिकारी इस पचड़े में नहीं पडऩा चाहते। वैसे भी शहर के विस्तार को देखते हुए 28 सीसीटीवी कैमरे अपर्याप्त थे सो पुलिस ने नई योजना पर काम शुरू किया है। यह योजना अगर सिरे चढ़ती है तो पुलिस को शहर में अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
चल रहा है काम
शहर में अपराधों पर अंकुश लगाने तथा अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी कैमरों का नया नेटवर्क स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। कमांड कंट्रोल रूम के लिए भी जगह देखी है। प्रयास यही रहेगा कि यह योजना जितनी जल्दी हो मूर्त रूप ले।
हरेन्द्र कुमार महावर, पुलिस अधीक्षक, श्रीगंगानगर
Published on:
12 Apr 2018 07:15 am
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