यहां सिख समाज का सम्मेलन हुआ जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिखों की तरह पगड़ी पहनी और उनसे अपना दिल का रिश्ता बताया। सिंधिया ने यहां बताया कि उन्हें बोर्डिंग स्कूल क्यों भेजा गया और वहां किस राजकुमार को उन्हें सुधारने का जिम्मा सौंपा गया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार बीजेपी के टिकट पर गुना से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के अशोकनगर में सिख सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें सिंधिया भी पहुंचे। ज्योतिरादित्य ने कहा कि मैं यहां वोट मांगने नहीं आया बल्कि सिखों से अपना दिल का रिश्ता बताने आया हूं। उन्होंने देश की रक्षा और विकास में सिखों के योगदान की भी चर्चा की।
सम्मेलन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बचपन का रोचक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे वे मुंबई में बिगड़ गए और उन्हें सुधारने के लिए घरवालों ने कड़ा कदम उठाया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि उन्हें स्कूली पढ़ाई के लिए मुंबई भेजा गया था पर मेरी कुछ आदतें घरवालों को रास नहीं आईं। उन्हें लगा कि यह बिगड़ गया तो मुझे सुधारने के लिए बोर्डिंग स्कूल में डाल दिया।
जब मैं बोर्डिंग स्कूल गया तो 7 वीं क्लास में था। मुझे सुधारने का जिम्मा 11वीं क्लास के जिस स्टूडेंट को दिया गया वे थे पटियाला के टिक्का रजिंदर सिंह या पटियाला महाराज के बेटे। पटियाले के राजकुमार दिनभर मेरी ड्यूटी बजाते थे।