देश में खत्म हो गए चीतों को फिर बसाने के लिए कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट Cheetah Project शुरु किया गया था। यहां लाए गए अफ्रीकन चीते धीरे धीरे एमपी Cheetah In MP के वातावरण में रच बस गए। इन दिनों यहां चीता पवन और वीरा की प्रेम की दास्तां सुनी और सुनाई जा रही है।
ये दोनों पिछले साल दिसंबर से अब तक साथ घूम रहे हैं। वीरा कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकली तो पवन भी उसके पीछे पीछे चला आया। बाद में वीरा पवन के पीछे चलने लगी। शिवपुरी, गुना से होते हुए दोनों राजस्थान के जंगलों में पहुंच गए थे। वहां से दोनों का वापस लाया गया तो ये चीते चंबल के जंगलों में जा पहुंचे। अब ये दोनों मुरैना के पहाड़गढ़ में घूम रहे हैं।
वन विभाग के अफसर बताते हैं कि पवन पहाड़गढ़ के जंगलों में पहुंचा तो वीरा भी उसका पीछा करती हुई विजयपुर से निकलकर पहाड़गढ़ की ओर बढ़ गई। कूनो की सीमा पार कर पवन दो दिन पहले ही पहाड़गढ़ आया है। वह भरकापुरा के जंगल से आमझिर होते हुए ईश्वरा महादेव के जंगलों में पहुंच चुका है। वीरा भी उसके पीछे पीछे पहाड़गढ़ के जंगलों में पहुंच चुकी है।
कई बार कूनो की सीमा से बाहर हो चुकी वीरा- गौरतलब है कि नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों में से केवल पवन और वीरा ही खुले घूम रहे हैं। बाकी चीते अब भी बाड़ों में ही बंद हैं। पवन के प्यार में पागल हुई वीरा उसके पीछे कई बार कूनो की सीमा से बाहर हो चुकी है।