जुलाई 2023 में जब मध्यप्रदेश के कर्मचारियों (mp govt employees) को 4 फीसदी महंगाई भत्ता देने का ऐलान हुआ था, तब कर्मचारी इस बात से भी खुश थे कि उनका महंगाई भत्ता केंद्र सरकार (central govt employees) के बराबर कर दिया था। लेकिन, इसके बाद केंद्र ने 4 फीसदी बढ़ाकर 46 फीसदी कर दिया। एमपी (madhya pradesh) के कर्मचारी लगातार मांग करते रहे, लेकिन राज्य सरकार ने उसके बराबर नहीं किया। अब केंद्र सरकार ने चार फीसदी और बढ़ाकर 50 फीसदी महंगाई भत्ता कर दिया। इस कारण राज्य सरकार के कर्मचारी 8 फीसदी से पीछे रह गए हैं। इससे एमपी के 12 लाख कर्मचारी नाराज हो गए हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार हमेशा घोषणा करती थी कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिया जाएगा। लेकिन, स्थिति बिगड़ती गई और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने में आगे निकल गया। केंद्र सरकार हमेशा समय पर महंगाई भत्ता जारी कर देती है। गुरुवार को केंद्र सरकार ने चार फीसदी और बढ़ाकर अब अपने एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता देने का ऐलान कर दिया। यह महंगाई भत्ता एक जनवरी 2024 से लागू किया गया है।
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मध्यप्रदेश के करीब 12 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी अब केंद्रीय कर्मचारियों से 8 फीसदी पीछे रह गए हैं। मध्यप्रदेश में वर्तमान में 42 फीसदी महंगाई भत्ता ही मिल रहा है। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने लगा है। इस विसंगति को लेकर मध्यप्रदेश के कर्मचारियों में निराशा है।
मप्र राज्य तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि हमेशा राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार होता है। अब मध्यप्रदेश सरकार को एक साथ 8 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का भार आएगा। यदि केंद्र के मान बढ़ा देते तो आज मध्यप्रदेश के कर्मचारी 8 फीसदी पीछे नहीं रहते।
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तिवारी कहते हैं कि इस बार मध्यप्रदेश ज्यादा ही पीछे हो गया है। कुछ समय पहले तक तो हम 4 फीसदी की मांग कर रहे थे, लेकिन अब राज्य सरकार को एक साथ 8 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाना पड़ेगा। तिवारी ने कहा कि एक ही शहर में केंद्र सरकार के कर्मचारी भी रहते हैं और राज्य सरकार के भी कर्मचारी। दोनों ही कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में अंतर नहीं होना चाहिए। क्योंकि दोनों ही कर्मचारी एक समान महंगाई से जूझ रहे हैं।
उमाशंकर तिवारी (uma shankar tiwari) ने कहा कि 12 साल से वाहन भत्ता और मकान किराया भत्ता नहीं बढ़ाया गया है। इससे आर्थिक परेशानी का सामना कर्मचारी एवं उसके परिवार को करना पड़ता है। समय पर लाभ न देकर राज्य सरकार अन्य योजनाओं पर पैसा खर्च कर देती है। जबकि राज्य सरकार के कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारी भी इंसान हैं। हमारे परिवार को भी त्योहार के मौके पर पैसों की जरूरत पड़ती है। इसलिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द 8% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जुलाई 2023 से लागू करने के आदेश देना चाहिए।
कर्मचारियों को उम्मीद है कि होली और आचार संहिता से पहले 8 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा दिया जाएगा। क्योंकि यदि आचार संहिता लग जाती है तो एक बार फिर महंगाई भत्ता लटक सकता है और राज्य सरकार एरियर नहीं देकर वर्तमान तिथि से लागू कर देगी। जैसा कि हर बार होता है।