यूपी के बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न आरोपों के 61 मुकदमे दर्ज थे। आठ मामलों में उसे सजा भी मिल चुकी थी। करीब 53 मामले कोर्ट में चल रहे हैं। इन मामलों में अभी फैसला नहीं आया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि माफिया मुख्तार अंसारी कितने मामलों में दोषी था। उसकी मौत के साथ कोर्ट में चल रहे मामलों में किसमें कितनी सजा होनी थी। उसकी मौत के साथ यह राज भी दफ़न हो गया। मुख्तार अंसारी एक ऐसा माफिया था वर्ष 1990 के दशक में उसका नाम सुनते ही उसके विरोधियों के दिल की धड़कनें बढ़ जाती थी। बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर पहली बार वर्ष 1996 में वह हाथी पर सवार होकर विधायक बना। कुल मिलाकर पांच बार विधायक बनने का उसे अवसर मिला। जिसमें तीन बार वह जेल में रहकर चुनाव जीता। सपा और बसपा से दूरी होने के बाद उसने कौमी एकता नाम की खुद अपनी पार्टी बनाई। इसके बाद एक बार बनारस लोकसभा सीट से अपनी किस्मत अजमाई। लेकिन वह चुनाव हार गया।
मुख्तार अंसारी को लग्जरी गाड़ियों का था शौक, ये सपना रहा अधूरा मुख्तार अंसारी जब गैंगस्टर से विधायक बना तो उसके गाड़ियों का शौक उसके साथ निकले काफिले में दिखता था। उसके काफिले में सफेद रंग की एक दर्जन गाड़ियां होती थी। काफिले में एक खुली सफेद रंग की जिप्सी भी होती थी। उस समय टाटा सफारी का बहुत बड़ा क्रेज था। ऐसे में उसके काफिले में अधिकांश टाटा सफारी गाड़ियां होती थी। जेल में बंद मुख्तार अंसारी की चाहत थी कि जब वह जेल से बाहर छूट कर आएगा। तो उसके काफिले में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकने वाली एस यू वी “हमर” भी शामिल हो, लेकिन ये शौक उसका अधूरा रह गया।