होलिका के जलने तक इनकी जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही होलिका स्थापित करने वाले सभी का नाम और नंबर भी इनके पास है, जिसे कंट्रोल रूम में भी मंगा लिया गया है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के निर्देश पर कंट्रोल रूम से रैंडम ही किसी एक नंबर पर संपर्क कर फीडबैक भी लिया जा रहा है कि पुलिस ने संपर्क किया है या नहीं।
जानकारी के मुताबिक, होलिका के समय हुड़दंग न होने पाए, इसे लेकर पुलिस पहले से ही सतर्क हो गई है। एसएसपी ने दुर्गा पूजा प्रतिमा स्थापना से लेकर विसर्जन तक के लिए बनाए गए फार्मूले को इसमें भी लागू किया है। इसके तहत हर होलिका में एक नोडल अफसर की जिम्मेदारी होगी। उसके आसपास के क्षेत्र में उसकी सक्रियता रहेगी और अगर कहीं पर भी उत्पात हुआ तो फिर उसी नोडल पुलिस वाले की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
होलिका दहन के समय पुलिस वाले मौजूद रहेंगे। इसके अलावा होली शांतिपूर्ण तरीके से निपट सके, इसके लिए पुलिस को नियमित गश्त करने का आदेश दिया गया है। बीट पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में जाएंगे और नियमित रूप से जानकारी लेंगे कि कहीं विवाद की साजिश तो नहीं रची जा रही है।
थानावार होलिका के लिए चिन्हित संख्या जिले के बड़हलगंज में सर्वाधिक 210 जगहों पर होलिका रखी गई है। कोतवाली में 33, राजघाट में 38, तिवारीपुर में 35, कैंट में 29, खोराबार में 116, रामगढ़ताल में 55, एम्स में 79, गोरखनाथ में 41, शाहपुर में 64, गुलरिहा में 143, कैंपियरगंज में 141, पीपीगंज में 76, चिलुआताल में 95, सहजनवां में 152, गीडा में 97, हरपुर बुदहट में 128, झंगहा में 192, चौरीचौरा में 110, पिपराइच में 116, बांसगांव में 140, गगहा में 184, बेलीपार में 92, गोला में 203, उरुवा बाजार में 110, खजनी में 136, सिकरीगंज में 117, बेलघाट में 118 जगहों पर होलिका दहन होगा।
SSP गोरखपुर SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया की पुलिस ने होली को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जिले में होलिका दहन के सभी जगहों को चिह्नित किया गया है। एक-एक होलिका के लिए एक पुलिसकर्मी को नोडल बनाया गया है। इसकी नियमित निगरानी भी कंट्रोल रूम से की जा रही है।